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जबलपुर

एमपी के जंगलों में डायनासोर, यह है इसका जीता जागता सुबूत!

बड़ी संख्या में डायनासोर

जबलपुरMay 18, 2018 / 02:13 pm

deepak deewan

dinosaur

Dinosaurs in MP forests

जबलपुर। एमपी के जंगलों में बड़ी संख्या में डायनासोर रहते थे। यह कपोल-कल्पित बात नहीं है बल्कि इसके जीता-जागता सुबूत भी है। दरअसल एमपी में घने जंगल थे जोकि इस विलुप्त जानवर के मुफीद थे। घने जंगलों में डायनोसोर स्वच्छंद विचरण करते थे। डायनासोर के अंडे का जीवाश्म मिला था, जिसे कलेक्ट करके कॉलेज के म्यूजियम में रखा गया है। कॉलेज के म्यूजियम में ऐसी अन्य अनेक धरोहरों को भी सुरक्षित रखा गया है। जीवाश्म के साथ ही कई तरह के शैवाल, स्टार फिश, नवरत्न, अनमोल पत्थरों को स्टडी के लिए म्यूजियम में रखवाया गया है।
रिसर्च के दौरान मिला था यह जीवाश्म

जबलपुर के आसपास के जंगलों में डायनासोर के अंडे का जीवाश्म पाया गया था। अभी भी जबलपुर के गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में डायनासोर के अंडे का यह जीवाश्म मौजूद है। साइंस कॉलेज के जियोलॉजिकल विभाग के डॉ. बीएस राठौर ने बताया कि डायनोसोर का यह जीवाश्म हमारे लिए बेहद अमूल्य निधि है। स्टूडेंट्स को कुछ नया सिखाने की रिसर्च के दौरान डायनासोर के अंडे का यह जीवाश्म मिला था, जिसे कलेक्ट करके कॉलेज के म्यूजियम में रखा गया है। कॉलेज के म्यूजियम में ऐसी अन्य अनेक धरोहरों को भी सुरक्षित रखा गया है। जीवाश्म के साथ ही कई तरह के शैवाल, स्टार फिश, नवरत्न, अनमोल पत्थरों को स्टडी के लिए म्यूजियम में रखवाया गया है।

ये हैं अनोखे म्यूजियम
साइंस कॉलेज के प्राणी शास्त्र विभाग के म्यूजियम में रिसर्च होती है। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में ६९ हजार से ज्यादा कीट और पतंगों का इतिहास दर्ज है। इसी तरह मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में भी एक अनूठी चीज सुरक्षित रखी गई है। यहां दो सिर वाला बच्चा रखा है जोकि हर किसी के लिए खास है। वेटरनरी कॉलेज में हाथी और घोड़ों की स्केलेटन को रखा गया है। आरडीयू के केन्द्रीय ग्रंथालय में भाला, पाषाण और अन्य प्रतिमाएं सुरक्षित रखी गई हैं।

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