जबलपुर. शास्त्रों के अनुसार हिन्दी पंचांग में दो माह चैत्र व वैशाख माह को पुण्यदायी और श्रेष्ठ बताया गया है। मान्यता है कि इन महीनों में किया गया पूजन, दान-पुण्य स्वयं के साथ कुल-कुटुम्ब को भी दोष और पापों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। वैशाख माह का एक सप्ताह गुजर गया है। इस दौरान उत्सवधर्मी संस्कारधानी में घरों से लेकर नर्मदा तटों तक हरि और हर के जयकारे गुंजायमान हो रहे हैं। लोग तडक़े नर्मदा तटों पर स्नान-दान कर कथा का श्रवण कर रहे हैं।
नर्मदा तटों पर कथा का आयोजन, दान-पुण्य के साथ भगवान को अर्पित कर रहे प्रसाद ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार वैशाख माह में महादेव को जल मटका लगाने का विधान है, वहीं भगवान विष्णु को तुलसी की मंजरी या पत्र से अर्चन करना उत्तम माना गया है। ऐसे में हरि और हर दोनों के पूजन से संस्कारधानीवासी पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
मिलती है मन की शांति ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वैशाख माह में भगवान शिव को जल, बेल, गन्ने का जूस, सत्तू, मटका आदि अर्पित करने के साथ उन वस्तुओं का दान करने से दरिद्रता दूर होती है। साधक पंचाक्षरी मंत्र का जाप कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास भी करते हैं। इसी तरह भगवान विष्णु के साधक द्वादश अक्षर मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करते हुए जीवन को सुखद व अनुकूल बना सकते हैं। पवित्र नदियों के किनारे सपरिवार भगवान विष्णु की कथा सुनने और पूजन का दौर भी जारी है। मान्यता है कि ऐसा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। तीर्थों में किया गया दान विशेष फलदायी माना गया है।
अक्षय तृतीया पर नहीं बजेगी शहनाई ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शुक्र तारा अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है। इसलिए अबूझ मुहूर्त मानी जाने वाली अक्षय तृतीया या आखा तीज पर इस बार शहनाइयां नहीं गूंजेंगी। लेकिन, दान-पुण्य, कथा श्रवण, मुंडन संस्कार आदि किए जा सकेंगे। शुक्र तारा उदय होने पर 9 जुलाई से पुन: मांगलिक कार्यक्रम शुरू होंगे। यह मुहूर्त 17 जुलाई तक ही रहेगा। इसके बाद देवउठनी एकादशी के बाद शादी-विवाह का मुहूर्त शुरू होगा।
Hindi News/ Jabalpur / Vaishakh month story : वैशाख में करें ये दान, दूर हो जाएगी पैसों की समस्या