इस सप्ताह आ सकती है मोबाइल फोनों की जांच रिपोर्ट- एसआइटी ने आरोपियों के छह मोबाइल फोन जब्त किए थे। इन फोनों को जांच के लिए भोपाल स्थित साइबर सेल भेजा गया था। सूत्रों की माने तो चार से पांच दिन में साइबर सेल भोपाल द्वारा सभी मोबाइल फोनों की जांच पूरी कर ली जाएगी। जिसके बाद जांच रिपोर्ट भोपाल स्टेट साइबर सेल द्वारा एसआइटी को भेजी जाएगी। जिसके बाद मोबाइल से जुड़े कई और राज एसआइटी के सामने खुलकर आ जाएंगे।
सपन और सुनील से खुलेंगे और राज- एसआइटी सपन और सुनील को जल्द से जल्द पुलिस रिमांड पर लेना चाहती है। जानकारी के अनुसार सपन और सुनील नकली रेमडेसिविर मामले में अहम कड़ी है। जिससे 35 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों के बारे में और भी बारीकी से पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही इंदौर में नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन की डिलेवरी देने वाला रीवा निवासी सुनील मिश्रा भी रिमांड पर लिया जाएगा। ताकि पूछताछ कर यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसने शहर में और किसी को तो नकली रेमडेसिविर की डिलेवरी तो नहीं दी।
कंपनी के प्रतिनिधि को सौंपेंगे सैंपल
नकली रेमडेसिविर मामले में देवेश, जसमीत और सोनिया की निशानदेही पर जब्त किए गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों के खाली वायल को जांच के लिए माइलोन कंपनी हैदराबाद भेजा जाना है। इस मामले में एसआइटी ने कंपनी को पत्र लिखा था। कंपनी ने पत्र में से एक बिन्दु के जवाब में तो यह बता दिया कि जिस बैच नंबर के इंजेक्शनों का उपयोग सिटी अस्पताल में किया गया, उस नंबर के असली रेमडेसिविर इंजेक्श तक जबलपुर नहीं भेजे गए। वहीं कंपनी से एक प्रतिनिधि भेजने की बात भी एसआइटी ने पत्र के माध्यम से कही थी, जिसे नकली इंजेक्शनों के सैंपल सौंपे जा सकें। अब तक कोई प्रतिनिधि नहीं आया, जिसे यह माना जा रहा है कि पुलिस टीम सेंपल लेकर हैदराबाद जाएगी।