जबलपुर. युवाओं को वर्तमान और भविष्य की अत्याधुनिक तकनीकों और सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण देने के लिए जल्द ही ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण शुरू होगा। इसके लिए जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज (जेइसी) परिसर में 16 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। शासन से सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल गई है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
प्रदेश में दूसरा प्रदेश सरकार ने जबलपुर मेें प्रदेश का दूसरा ग्लोबल स्किल पार्क बनाने की घोषणा की थी। इसका शिलान्यास भी हो गया है। बजट की स्वीकृति मिलनी शेष है। नई सरकार बनने पर प्रोजेक्ट को गति मिल सकेगी। ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे खेल मैदान और रांझी इंडोर स्टेडियम के बीच खाली जमीन पर होना है। यह जमीन रांझी मुख्य मार्ग से लगी हुई है। अभी यह खाली है। कुछ संख्या में पेड़-पौधे लगे हैं।
डिप्लोमा और डिग्रीधारकों को फायदा ग्लोबल स्किल पार्क में आईटीआई पास और मैकेनिकल, औद्योगिक या प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या बीई, बी.टेक कर चुके युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा। छात्र यहां सैद्धांतिक अध्ययन के साथ व्यावहारिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। उन्हें उन मशीनों पर काम करने का अवसर मिलेगा, जो वर्तमान इंडस्ट्री में उपयोग की जाती हैं। इसमें अत्याधुनिक सीएनसी मशीनें, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सॉफ्टवेयर के अलावा नवीनतम डिजाइन सॉफ्टवेयर और मेट्रोलॉजी उपकरणों पर व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सकेगा। इससे उन्हें किसी भी क्षेत्र में काम करने में आसानी होगी।
इन ट्रेड्स पर रहेगा फोकस
आईटीआई में टर्नर, मशीनिस्ट, फिटर, मशीनिस्ट ग्राइंडर, मैकेनिक मशीन टूल मेंटेनेंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी प्रकार इंजीनियरिंग कर चुके मैकेनिकल और औद्योगिक या प्रोडक्शन इंजीनियरिंग डिप्लोमा या डिग्रीधारी युवाओं को आगे की तकनीक से अवगत कराया जाएगा।
शहर में कई तकनीकी संस्थान
जबलपुर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कई शासकीय और निजी आईटीआई संचालित हैं। इनमें चार हजार युवक-युवतियां हर साल प्रशिक्षण लेते हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉली टेक्निक कॉलेज और ट्रिपल आईटीडीएस से हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। ग्लोबल स्किल्ड पार्क में देश-विदेश के विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। इसलिए इस प्रोजेक्ट को अहम माना जा रहा है। सबसे ज्यादा फायदा जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को होगा।
जबलपुर में ग्लोबल स्किल पार्क के निर्माण के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। अब बजट के लिए पत्र लिखा जाएगा, ताकि इमारत का निर्माण और मशीनों की स्थापना हो सके।
मनु श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार