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– शुभ योग में प्रकट होंगे अंजनी नंदन
– 19 अप्रैल को मनाया जाएगा हनुमानजी का प्राकट्योत्सव
– प्राचीन मंदिरों में होंगे विश्ेाष अनुष्ठान
ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार हनुमानजी अजर-अमर हैं। इस बार शुभ नक्षत्र चित्रा और गजकेसरी योग में हनुमानजी का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। 18 अप्रैल की रात 9.23 बजे चित्रा नक्षत्र प्रारम्भ होगा और 19 अप्रैल की शाम 7.19 बजे तक रहेगा। आचार्य डॉ. चंद्रशेखर शास्त्री के अनुसार ग्रहों के संयोग से हनुमानजी के प्राकट्योत्सव के दिन गजकेसरी योग बन रहा है। 18 अप्रैल को सुबह 5.49 बजे सूर्योदय होगा और सुबह 7.07 बजे तक योग रहेगा। उदया तिथि के कारण विशेष योग पूरे दिन मान्य होगा। हनुमानजी के भक्तों के मनोबल में वृद्धि व उनके कष्टों का निवारण होता है।
100 बार करें हनुमान चालीसा पाठ
संतों के अनुसार हनुमानजी के प्रकट होने की तिथि में हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ करने वाले भक्तों के कार्य सिद्ध होते हैं। हनुमान संकट नाशक, हनुमान बाहुक, सुंदर कांड का पाठ कल्याणकारी माना जाता है।
अर्जी के नारियलों का होगा हवन
ग्वारीघाट स्थित श्रीराम लला मंदिर में प्राकट्योत्सव के दिन सुबह से देर रात तक पूजन अर्चन, महाआरती के साथ अर्जी के हजारों नारियलों का हवन किया जाता है। मंदिर के व्यवस्थापक मनोज तिवारी ने बताया, वर्ष भर भक्तगण मंदिर में नारियलों के साथ मनोकामना की अर्जी लगाते हैं। वर्ष में एक बार गर्भ गृह से मुख्य प्रतिमा को भक्तों के दर्शनार्थ बाहर स्थापित किया जाता है। बजरंग मठ सूपाताल एवं हनुमान मंदिर रानीताल में वर्षों से अखंड रामायण पाठ किया जा रहा है। इसी प्रकार नर्मदा खारीघाट स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर, पाट बाबा मंदिर, हनुमान मंदिर जीसीएफ, हनुमान मंदिर कटरा अधारताल, बड़े महावीर बड़ा फुहारा, हनुमान मंदिर गौतमगंज, हनुमान मंदिर तिलहरी एवं हनुमान मंदिर देवताल में विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे।