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जबलपुर

हाईकोर्ट ने निराश्रित शुल्क वसूलने का नोटिस किया निरस्त

90 दिन के भीतर अंतिम निर्णय पारित करने का निर्देश
 
 

जबलपुरJan 20, 2024 / 06:24 pm

shyam bihari

highcourt

कोर्ट ने बच्चे को शारीरिक दंड देने के मामले में एफआईआर निरस्त की।

जबलपुर। हाईकोर्ट के न्यायाधीश एमएस भट्टी की एकलपीठ ने निराश्रित शुल्क वसूलने के लिए कृषि उपज मंडी समिति कटनी का नोटिस निरस्त कर दिया। एकलपीठ ने कृषि विभाग के प्रमुख सचिव को मामला वापस भेजते हुए निर्देश दिए कि सभी प्रकरणों पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता व्यापारियों को सुनवाई का अवसर देते हुए 90 दिन के भीतर अंतिम निर्णय पारित करें।

कटनी के मनीष घई सहित 30 व्यापारियों ने हाईकोर्ट में मंडी समिति के नोटिस को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि ये व्यापारी मप्र व अन्य प्रदेशों से कच्चा माल खरीद कर प्रोसेसिंग के बाद मार्केट में बेचते हैं।

भेजा गया नोटिस
बताया गया कि राज्य सरकार ने उन व्यापारियों से मंडी शुल्क की वसूली से छूट दी है, जो बाहरी राज्यों से कृषि उत्पाद खरीदते हैं और मंडी में प्रोसेसिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि मंडी समिति ने वर्ष 2013-14, 14-15 और 15-16 का निराश्रित शुल्क जमा कराने का नोटिस याचिकाकर्ताओं को भेजा। दलील दी गई कि उक्त नोटिस समय बाधित है। नियमानुसार एकाउंट के वेरिफिकेशन के दो साल बाद मांग नोटिस नहीं भेजा जा सकता।

मारपीट पर तीन वर्ष का कारावास
जिला अदालत के न्यायाधीश एसआर सीनम की अदालत ने मारपीट के मामले में आराेपी जबलपुर निवासी सोनू उर्फ धर्मेंद्र पटेल का दोष सिद्ध पाया। उसे तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक जीत सिंह पटेल ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने साथी के साथ मिलकर मामूली बात पर विवाद शुरू कर दिया। इसी दौरान एक युवक से मारपीट की। पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

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