चार माह हुए पीछे
ेदेश के मशहूर सुरक्षा संस्थान- में ‘धनुष’ तोप (155एमएम/45 कैलिबर गन) का निर्माण रुका पड़ा है। पोखरण फायरिंग रेंज में परीक्षण के दौरान धनुष तोप का एक मजल फट गया था। बाद में सामने आया कि इसमें जर्मनी की बजाए चीनी सामग्री डाल दी गई थी। इस गड़बड़ी की सीबीआई जांच चल रही है। उधर सैन्य प्रशासन और ओएफबी भी इस घटना की जांच कर रहा है। जीसीएफ के 155एमएम धनुष सेक्शन में तोप नं.7 के विभिन्न हिस्से खोलकर निकालने के बाद उनकी जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट आने तक अन्य धनुष तोप खोलने का काम शुरू नहीं किया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि खराब हुई तोप नं.7 की जांच रिपोर्ट के बाद ही इस स्वदेशी बोफोर्स तोप की फिटिंग यहां की जा सकेगी। इस काम में अभी करीब चार माह लगने की बात भी कही जा रही है।
आदेश का इंतजार
इस संबंध में सैनिक मुख्यालय से आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है। आदेश आने के बाद ही जीसीएफ के कर्मचारी अन्य धनुष तोपों को खोलकर उन्हें वापस कसने का काम शुरु कर सकेंगे। इसके बाद सभी धनुष तोपों को स्वतंत्र सैन्य परीक्षण के लिए दोबारा पोखरण फायरिंग रेंज भेजा जाएगा। जीसीएफ में ‘धनुष’ तोप बनाने के लिए आदेश का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
दिसंबर तक रुका रहेगा काम
जीसीएफ के अधिकारियों के अनुसार दिसंबर तक सभी 6 धनुष तोपें सैन्य परीक्षण के लिए दोबारा फायरिंग रेंज भेज दिए जाने की पूरी उम्मीद है। अधिकारियों के मुताबिक तोप खोलने-कसने से संबंधित सभी काम अभी रुके पड़े हैं। धनुष तोप की जांच के चलते अभी किसी दूसरी तोप को खोलने का काम नहीं हो रहा है। जब जांच रिपोर्ट आ जाएगी तभी काम शुरू किया जाएगा।