जनसुनवाई में पहुंच गए दर्जनों पीडि़त
शहर में कई बैंक और दुकानदार चिल्लर लेने से मना कर रहे हैं। ऐसे में लोग परेशान हो रहे हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या में लोगों ने जनसुनवाई में पहुंच कर इस बात की शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने निर्देश जारी किया कि हर हाल में सिक्के लिए जाएं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि कानूनन सिक्के लेना अनिवार्य है। यदि कोई सिक्के लेने से इंकार करता है तो वह वस्तुत: भारतीय मुद्रा का अपमान कर रहा है। उन्होंने कहा कि सिक्के लेना बाध्यकारी है और ऐसा नहीं करनेवालों वित्तीय संस्थानो, बैंकों और दुकानों के संचालकों पर इंडियन करेंसी के अपमान का मामला दर्ज किया जाएगा।
दुकानों, बैकों में जाएं अधिकारी
कलेक्टर ने नागरिकों की शिकायतों के बाद अधिकारियों को इस मामले में गंभीरता बरतने को कहा। उन्होंनें सभी एसडीएम, तहसीलदारों को बैंक्स में जाकर जांच करने को कहा। कलेक्टर ने अधिकारियों को कहा है कि वे दुकानों की भी जांच कराएं और सिक्के नहीं लेनेवाले दुकानदारों पर सीधी कार्रवाई करें। कलेक्टर ने एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देश दिए कि करंसी प्रोटेक्शन एक्ट का हर हाल में पालन कराएं।
गौरतलब है कि शहर मेंं सिक्कों का प्रचलन लगभग बंद सा हो गया है। बड़े दुकानदार तो सिक्के लेते ही नहीं हैं। यहां तक कि दस रुपए और पांच रुपए के सिक्के लेने से भी साफ इंकार कर देते हैं। कानूनन सिक्के लेना अनिवार्य है। यदि कोई सिक्के लेने से इंकार करता है तो वह वस्तुत: भारतीय मुद्रा का अपमान कर रहा है। कलेक्टर ने नागरिकों की शिकायतों के बाद अधिकारियों को इस मामले में गंभीरता बरतने को कहा।