बता दें कि ये सूचनाएं लगातार आ रही हैं कि निजी स्कूल प्रबंध विद्यार्थियों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। बच्चों को चेतावनी तक दी जा रही है कि फीस जमा न करने पर उनका नाम कट जाएगा। वो कक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। परीक्षा नहीं दे पाएंगे। इस तरह की शिकायतें आयुक्त तक की गईं। इस पर कड़ा रुख अख्तिार करते हुए संयुक्त संचालक की ओर से निर्देश जारी हुए है।
विभाग ने साफ किया है कि विभिन्न समाचार पत्रों और शिकायतों के माध्यम से इस तरह की जानकारी मिली है कि कई स्कूल फीस जमा करने के लिए विद्यार्थियों पर दवाब बना रहे हैं उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं करने की धमकी दी जा रही है। ऐसा कोई दवाब फीस जमा करने के लिए न बनाया जाए। संयुक्त संचालक ने कहा कि फीस नहीं जमा होने की स्थिति में भी विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने से नहीं वंचित किया जाए। इस संबंध में निजी स्कूल विशेषतौर पर गंभीरता से अमल करें। विभाग ने कहा कि मौजूदा कोरोना संक्रमण को ध्यान रखते हुए स्कूल अभिभावकों को थोड़ी सुविधा दें। फिलहाल आर्थिक तंगी की वजह से अधिकांश अभिभावक स्कूलों की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए विद्यार्थियों पर इसको लेकर किसी तरह का कोई दवाब न बनाया जाए। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने साफ कहा कि फीस जमा नहीं होने की वजह से सिर्फ परीक्षा ही नहीं बल्कि कक्षा में अध्ययन करने से भी नहीं रोका जाए। स्कूल विद्यार्थियों को नियमित कक्षा में आने से न रोके।