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जबलपुर

लकड़ी के लालची: जिन पौधों को पेड़ बनाया, उन्हीं पर चला रहे कुल्हाड़ी

लकड़ी के लालची: जिन पौधों को पेड़ बनाया, उन्हीं पर चला रहे कुल्हाड़ी

जबलपुरMay 25, 2024 / 01:52 pm

Lalit kostha

tree cutting in jabalpur

tree cutting in jabalpur

जबलपुर. जिन्होंने पौधों को हाथों से रोपा, परिवार की देख-रेख में बड़े हुए, अब वे अपने लगाए पेड़ों को काटने पर आमादा हैं। पनागर क्षेत्र में कुछ लोग सुबह से ही कुल्हाड़ी, आरी और हंसिया लेकर पहुंच रहे हैं। इनका निशाना वो पेड़ है जो रिंग रोड के दायरे में आ रहे हैं। इन पर सुबह से ही औजार चलाए जा रहे है ताकि काट कर लकड़ी ले जाई जा सके। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई पेड़ वे ही लोग काट रहे है जिन्होंन अथवा उनके पूर्वजों ने उनका रोपण किया था।
tree cutting in jabalpur
तीन हजार पेड़
दरअसल, शहर में बन रही रिंग रोड के लिए लगातार पेड़ों की कटाई चल रही है। पैकेज चार में पनागर क्षेत्र में सड़क के निर्माण के लिए तीन हजार वृक्षों की कटाई होनी हैं। इसकी जानकारी और अनुमति के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने जिला प्रशासन को पत्र लिखा। इसकी भनक क्षेत्रीयजनों को लगी तो वे खुद ही वृक्षों को काटने के लिए पहुंच गए। कोई कुल्हाडी तो कोई आरी और हंसिया लेकर पहुंचा। प्राधिकरण ने इन लोगों पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है।
112 किमी की रिंग रोड

शहर में देश की दूसरी सबसे बड़ी और प्रदेश की सबसे बड़ी रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है। यह 112 किलोमीटर की रहेगी। इसे चार पैकेज में बनाया जा रहा है। इस सडक़ के निर्माण में जितने भी वृक्ष आ रहे हैं, उन्हें काटने की अनुमति ली जा रही है। अभी पैकेज चार में वृक्षों को काटा जाना है। इससे पहले जेसीबी और दूसरी मशीनों से सडक़ के बेस बनाने का काम शुरू हुआ है। वृक्षों की कटाई भी शुरू होगी।
Ring road is not being built in Katni
Ring road is not being built in Katni
कई लोगों ने खुद बड़े किए वृक्ष
रिंग रोड के लिए शासकीय के साथ ही निजी भूमि पर लगे वृक्षों को काटा जाना है। जितने वृक्ष काटे जा रहे हैं, उसमें प्रत्येक पेड़ के बदले एनएचएआई को 10 पौधों को रोपना है। ऐसे 50 हजार पौधे लगाए जाएंगे। कटाई की प्रक्रिया शुरू होती, इससे पहले जब लोगों को जानकारी लगी तो उन्होंने खुद ही इन वृक्षों को काटना शुरू कर दिया। वे इसकी लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसमें कुछ वृक्ष तो ऐसे हैं जिन्हें लोगों ने खुद ही बड़ा किया। अब वे ही उसे काटने पर तुले हैं। बताया जाता है कि एनएचएआई के कर्मचारियों ने कई बार उन्हें मना किया लेकिन वे नहीं माने। इसलिए अब प्रशासन से कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
कई हजार वृक्ष काटे जा चुके अब तक
इस सडक़ के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की गई है। इसमें ज्यादातर निजी भूमि है। एनएचएआई अलग-अलग पैकेज में पेड़ों की कटाई की अनुमति मांग चुका है। छोटे और बड़े आकार वाले यह वृक्ष 33 गांवों में लगे हैं। इसमें जबलपुर और शहपुरा तहसील के मानेगांव से राष्ट्रीय राजमार्ग 45 तक का क्षेत्र शामिल है। दोनों ही तहसीलों के 12 गांव के आसपास यह वृक्ष लगे हैं। इनकी संख्या एक हजार 170 है। वहीं 21 गांव पनागर और कुंडम तहसील के अंतर्गत आते हैं। इनकी संख्या 13 सौ है। इस प्रकार दो हजार 480 पेड़ों को काटा जा रहा है।
रिंग रोड के निर्माण के लिए वृक्षों को काटा जा रहा है। इसकी अनुमति प्रशासन से ली गई है। इनके बदले नए पौधे लगाए जाएंगे। पैकेज 4 में काम शुरू हुआ है। इस क्षेत्र में जो वृक्ष लगे हैं, उन्हें स्थानीयजन बिना अनुमति और गैर कानूनी तरीके से पेड़ों को काट रहे हैं। ऐसे में कार्य में बाधा आएगी। इसलिए प्रशासन को पत्र लिखा है।
अमृत साहू, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

निर्माणाधीन रिंग रोड में निर्माण कार्य के अंतर्गत प्रभावित वृक्षों को गैर कानूनी रूप से कटाई की जानकारी दी गई है। इसकी जांच करवाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
विकास जैन, तहसीलदार, पनागर

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