मानसून की दस्तक का असर : एक पखवाड़े में 10 से 12 रुपए किलो महंगी हुईं सब्जियां
टमाटर हुआ ‘लाल’, बाकी के दाम भी बिगाड़ रहे जायका
खेत में खराब हो गई थी फसल
जिले में अप्रैल और मई में बड़ी मात्रा में सब्जियां निकलती हैं। लॉकडाउन के कारण परिवहन की सुविधा नहीं होने के कारण किसान सब्जियां नहीं बेच सके। इससे खेतों में ही बड़ी मात्रा में सब्जियां खराब हो गईं। उचित दाम नहीं मिलने से किसानों ने टमाटर की फसल पर टै्रक्टर चलवा दिया था। अब ठंड के मौसम में स्थानीय पैदावार होने पर कीमतों में कमी आएगी।
डीजल की कीमत का भी असर
सब्जियों की कीमतों में वृद्धि का एक कारण डीजल के दाम में हो रही लगातार वृद्धि भी है। एक पखवाड़े में डीजल के दाम करीब 11 रुपए बढ़े हैं। मंडी से शहर के बाजार और फुटकर व्यापारियों को माल पहुंचाने वाले ऑटो चालकों ने भाड़ा बढ़ा दिया है।
आवक भी हुई कम
लटकारी पड़ाव मंडी में सब्जी विक्रेता रंजीत सिंह ठाकुर और चंदन श्रीवास्तव ने बताया कि सब्जियों की आवक कम होने से दाम बढ़ रहे हैं। टमाटर बैंगलूरु से आ रहा है। अन्य सब्जियां भी बाहर से
आ रही हैं।