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जबलपुर

सेटेलाइट से सीमांकन, बेस स्टेशन बना

जिले को मिलेगी आधुनिक सीओआरएस मशीन, अभी टीएसएम का इस्तेमाल

जबलपुरNov 24, 2021 / 12:17 pm

gyani rajak

satellite

जबलपुर. सीमांकन का काम अब सेटेलाइट से जुड़ी सीओआरएस (कोर्स) मशीन से किया जाएगा।

जबलपुर. भूमि के सीमांकन में त्रुटियों की आशंका बेहद कम हो जाएगी। सीमांकन का काम अब सेटेलाइट से जुड़ी सीओआरएस (कोर्स) मशीन से किया जाएगा। जिले के भू-अभिलेख कार्यालय को जल्द ही यह मशीन उपलब्ध होगी। इसके टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। मशीन की खासियत यह है कि नापजोख के समय एक सेंटीमीटर का अंतर भी मुश्किल से आएगा। इसका बेस स्टेशन विजय नगर स्थित सर्वे ऑफ इंडिया के कार्यालय में स्थापित है। यह स्टेशन सेटेलाइट से जुड़ा है।

अभी जिले में सीमांकन के लिए परम्परागत रूप से जरीब और टीएसएम मशीन का उपयोग किया जाता है। इसमें कई बार सीमांकन में त्रुटियां सामने आती हैं। समय भी अधिक लगता है। सेटेलाइट से जुड़ी इस मशीन में अशुद्धियों की आशंका बेहद कम हो जाएगी। इस काम के लिए कोर्स मशीन जल्द ही जिले को प्राप्त होगी। इसके टेंडर की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है। हाल में भू-अभिलेख विभाग के अधिकारियों ने सर्वे ऑफ इंडिया के कार्यालय में मशीन के स्टेशन के काम को देखा।

खराब पड़ी हैं टीएसएम मशीन

वर्तमान में टीएमएम मशीन के माध्यम से सीमांकन होता है। जिले में करीब ११ मशीनें हैं। इस हिसाब से सभी तहसीलों के पास एक-एक मशीन हैं। इनमें भी चार-पांच टीएसएम मशीन खराब पड़ी हैं।
सेटेलाइट से सीमांकन, बेस स्टेशन बना

हर माह 200 से ज्यादा प्रकरण

सीमांकन के मामले में जिलेभर में अभी तक करीब 4 हजार 70 प्रकरण दर्ज हैं। इसमें चालू राजस्व वर्ष में करीब २ हजार १७४ प्रकरण हुए हैं। इस हिसाब से हर माह 200 से ज्यादा प्रकरण सीमांकन के लिए दर्ज किए जा रहे हैं। यदि निराकरण की बात करें तो 2 हजार 832 प्रकरणों का निपटारा हो चुका है। इसमें चालू राजस्व वर्ष के 251 प्रकरण शामिल हैं। यानि चालू वित्तीय वर्ष के निराकरण की गति अभी कम है।

कोर्स मशीन से जल्द होगा कार्य

अब सीमांकन का काम सैटेलाइट द्वारा कोर्स पद्धति के जरिए किया जाएगा। इसमें पूरे ग्राम के नक्शे को सेट किया जाएगा। इससे कम समय में पूरे ग्राम का सीमांकन किया जा सकेगा। इस तकनीक के आधार पर सर्वेक्षण करने वाले व्यक्ति के पास टेबलेट होगा जो कि सीधे सेटेलाइट से जुड़ा रहेगा। सीमांकन के काम में पुराना आंकड़ा ऑटोमैटिक ओवरलैप हो जाएगा। यही नहीं पूरा डाटा भी फीड हो जाएगा। जबकि टीएसएम मशीन में कम्प्यूटर पर जाकर पुराने आंकडे़ को विलोपित करना पड़ता है।


सीमांकन के काम में त्रुटियों को कम करने के लिए कोर्स मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी जिले को एक मशीन मिलेगी। इसका टेंडर शासन की तरफ से किया गया है। इसके लिए बेस स्टेशन विजय नगर में स्थापित किया जा चुका है।
-ललित ग्वालवंशी, अधीक्षक भू-अभिलेख जबलपुर

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