शहर के जवाहर लाल कृषि विवि परिसर में कांग्रेस ने बिरसा मुंडा जयंती पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, ’25 साल की उम्र में उन्होंने आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ी। बंधुआ मजदूरों और शोषितों की लड़ाई लड़ी। इतनी कम उम्र में उन्होंने समाज सेवा करके जो नाम कमाया, ये उसी की देन है कि, 146 साल बाद भी उन्हें याद किया जा रहा है। आदिवासी नौजवानों को एक बार फिर अपने हक की लड़ाई लड़नी होगी। हमारे सीएम सिर्फ आदिवासियों के नाम पर योजनाएं गिना रहे हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि, वो झूठ इतना बोलते हैं कि, झूठ भी शरमा जाए।’
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बीजेपी आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाहती- कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा कि, प्रदेश में आदिवासी समाज की आबादी 1.65 करोड़ है। ऐसे में बिना आदिवासी समाज को आगे बढ़ाए, प्रदेश का विकास नहीं किया जा सकता। पर बीजेपी आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाहती है। आज भी आदिवासियों को अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है। आदिवासी नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है। 18 साल बाद अचानक सीएम को बिरसा मुंडा जयंती मनाने की याद आई। उनके यहां कार्यक्रम आयोजित करने के लिए ठेका दिया जाता है। ठेकेदार से कहते हैं कि मंच सजा दो, कुर्सी लगा दो। जिले में बस लगाकर लोगों को पकड़-पकड़ कर बुला लो। ये भीड़ जुटाकर सिर्फ हमारे आदिवासी समाज के भोले-भाले लोगों को बरगलाने का काम ये सरकार करती है।
कांग्रेस की सरकार बनी ताे आदिवासियों को देंगे प्राथमिकता
इस दौरान कमलनाथ ने संकल्प लेते हुए कहा कि, अगर सरकार बनी तो सबसे ज्यादा प्राथमिकता आदिवासियों को देंगे। आदिवासियों से जमीन छीनी जा रही है। उन्हें भूमिहीन करने की साजिश की जा रही है। इससे पहले राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि आदिवासी समाज के लिए प्रमाण पत्र बनाने में आ रही परेशानी काे हम दूर करेंगे। मंगल भवन बनाने के लिए उन्होंने 50 लाख रुपए की घोषणा की। इससे पहले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह व कमलनाथ सहित अन्य नेताओं ने अधारताल तिराहे पर स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
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