जबलपुर। मप्र हाइकोर्ट ने भोपाल के केंद्रीय आयात-निर्यात कार्यालय को इंदौर स्थानांतरित करने पर फिलहाल रोक लगा दी। जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने केंद्र सरकार से दो सप्ताह में मामले पर जवाब मांगा।
यह था याचिका में मांगफेडरेशन ऑफ चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) मप्र की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि जिस तरह से भोपाल कार्यालय को इंदौर स्थानांतरित किया गया है, वह पूर्णतया अवैधानिक है। क्योंकि, न प्रावधान के अनुसार उसे राजपत्र (गजट) में प्रकाशित किया गया और न वह आदेश केंद्र सरकार के पूर्व अनुमोदन से संचालक आयात-निर्यात के हस्ताक्षर से जारी हुआ।
read also:
प्रदेश के इस नगर निगम को अब हाईकोर्ट में बताना पड़ेगा वर्षा जल सहेजने क्या कदम उठाए35 साल पुराना है कार्यालय याचिका में यह भी कहा गया था कि भोपाल का आयात-निर्यात कार्यालय लगभग 35 साल पुराना है, जिसमें प्रतिवर्ष लगभग 25 हजार करोड़ रुपए का व्यापार होता है। जबलपुर, ग्वालियर, सागर एवं स्वयं भोपाल सम्भाग का सम्पूर्ण आयात-निर्यात भोपाल कार्यालय से ही होता है, जो बिना कारण इंदौर स्थानांतरित कर दिया गया।
read also:
कोर्ट में मां ने लगाई गुहार, बोली- बेटे-पोते ने हड़प लिए पति की पेंशन के 21 लाख रुपएयह है नियमअधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता एवं अमित गर्ग ने तर्क दिया कि विदेश व्यापार विनियमन एवं विकास, अधिनियम 1992 की धारा 3 एवं 5 के अंतर्गत प्रांतीय कार्यालय की स्थापना केवल गजट प्रकाशन एवं अधिसूचना से ही हो सकती है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांच सितम्बर का उक्तआदेश स्थगित कर दिया।