scriptयहां मोबाइल नहीं केबल टीवी पर चल रहीं लाइव क्लास, 20 हजार स्टूडेंट कर रहे पढ़ाई | lockdown 2.0 live classes in cable tv in jabalpur | Patrika News
जबलपुर

यहां मोबाइल नहीं केबल टीवी पर चल रहीं लाइव क्लास, 20 हजार स्टूडेंट कर रहे पढ़ाई

यहां मोबाइल नहीं केबल टीवी पर चल रहीं लाइव क्लास, 20 हजार स्टूडेंट कर रहे पढ़ाई
 

जबलपुरApr 28, 2020 / 02:05 pm

Lalit kostha

 Some FBs and some are taking children's classes through video calling

Corona’s havoc: online education, revenge education pattern

जबलपुर। लॉकडाउन में हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूल के छात्रों को पढ़ाने के लिए अब गांवों के केबिल का सहारा लिया जा रहा है। जिले के छह विकासखंडों में इसकी शुरुआत हो चुकी है। जबलपुर के इस अच्छे कार्य को विभाग ने प्रोत्साहित किया है। करीब 20 हजार छात्रों को केबिल के माध्यम से स्थानीय प्रसारण कर पढ़ाया जा रहा है। इसके पहले यह पढ़ाई सिर्फ मोबाइल फोन पर वाट्सएप आदि माध्यमों से कराई जा रही थी, लेकिन अधिकांश ग्रामीण अभिभावकों के पास एंड्राइड फोन नहीं होने की समस्या सामने आ रही थी। जबलपुर शहरी क्षेत्र के साथ-साथ पाटन, पनागर, कटंगी, सिहोरा, शहपुरा विकासखंडों तक केबिल प्रसारण शुरू कराया गया है।

लॉकडाउन में हाईस्कूल और हायरसेकंडरी स्कूल के छात्रों की रोजाना दो घंटे लग रही क्लास
अब पढ़ाने के लिए केबल पर किया जा रहा स्थानीय प्रसारण

 

कर्नाटक में आठ नए संक्रमित, कलबुर्गी में बुजुर्ग की मौत

कुंडम में बनी समस्या-
कुंडम विकासखंड में केबिल न होने से वहां सीधे प्रसारण की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। ऐसे में वहां के करीब 1000 छात्रों को सीधे फोन के माध्यम से पढ़ाई कराने के लिए कहा जा रहा है। साथ ही अन्य विकल्प भी खोजे जा रहे हैं।

40 हजार छात्रों को जोडऩे का संकल्प-
एडीपीसी अजय दुबे ने बताया कि विभाग ने हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी के 40 हजार छात्रों को जोडऩे का निर्णय लिया है। हाईस्कूल के कामन विषय एवं हायर सेकंडरी में कुछ प्रमुख विषयों को मिलाकर 12 विषय लिए गए हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभी तक 695 वाट्सएपग्रुप तैयार किए जा चुके हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास हैं।

डिजी लेप योजना के तहत हम काम कर रहे हैं। हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी कक्षाओं के लिए स्थानीय केबिल के माध्यम से सीधे प्रसारण की शुरुआत जिले में की है। नवीं, दसवीं एवं बारहवीं में रोजाना दो घंटे की कक्षाएं लगा रहे हैं। कमियां दूर की जा रही हैं।
– सुनील नेमा, जिला शिक्षा अधिकारी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो