दोपहर में शुरू होता है पूजन
कटनी के माधव नगर थानांतर्गत स्थित अमीरगंज क्षेत्र में एक बेहद पुराना महुआ का पेड़ है। क्षेत्रीयजनों के अनुसार दोपहर होते ही पेड़ के आसपास प्रतिदिन पूजा शुरू होती है। इसके बाद दोपहर ठीक 12 बजे वहां पास में स्थित एक बिल से एक नाग बाहर आता है। फिर महुआ के पेड़ के नीचे कुंडली मारकर बैठ जाता है। करीब 15 मिनट दर्शन देने के बाद नाग दोबारा बिल में चला जाता है। नाग के निकलते ही लोग भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाने लग जाते हैं और साथ ही पूजन-अर्चन तेज हो जाता है। लोग नाग को दूध अर्पित करते है।
दो महीने से लग रही कतार
स्थानीय निवासी बालमीक भोले ने बताया कि यह नाग पिछले 40 वर्षों से निकल रहा है। इसकी जानकारी पहले लोगों को नहीं थी। लेकिन कुछ लोगों ने ध्यान दिया तो नाग के बिल से बाहर आने और जाने की समय बिल्कुल निर्धारित मिला। ये सूचना जैसे ही लोगों तक पहुंचती तो बड़ी संख्या में दर्शन के लिए वे आने लगे। करीब दो महीने से प्रतिदिन सुबह होते ही लोगों की महुआ के पेड़ के पास कतार लगने लगती है। नाग देवता भी दोपहर ठीक 12 बजे प्रकट होकर 15 मिनट तक दर्शन देने के बाद लौट जाते है।
क्षेत्रीय लोगों के अनुसार प्रतिदिन नियम से सांप के निकलने की इस क्रिया की जानी मिलने पर बाहर से तांत्रिक भी पहुंच रहे है। तांत्रिकों का कहना है कि यह देव स्थान है। महुआ के पेड़ में स्वयं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती हैं। पिछले कुछ दिनों से यह स्थान आस्था का केंद्र बन गया है। दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे है।
नाग की दिनचर्या को लेकर सर्प विशेषज्ञ भी हैरान है। हैरानी वाली बात ये भी यह है कि नाग को पकडऩे के लिए जिस-जिस दिन सर्प विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे उस नाग देवता बिल से ही बाहर नहीं आए। पुलिस ने भी नाग को पकडऩे का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। क्षेत्रीय निवासी राजेश विश्वकर्मा का कहना है कि नाग को भगाने के लिए पेड़ के पास जड़ी भी रखी गई और टोटके किए गए लेकिन सब बेअसर साबित हुआ।