अभियोजन के अनुसार हरियाणा के पंचकुला निवासी बृजकिशोर कुठियाला ने एमसीयू माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कुलपति रहते हुए 2010 से 2018 तक असिस्टेंट प्रोफेसर्स, वित्त अधिकारियों की 24 अवैध नियुक्तियां की। नियम विरूद्द्ध तरीके से आई-फोन, वाईन केबिनेट और अन्य सामग्री खरीदी । विवि के धन से शराब के बिलों का भुगतान, नियमों के खिलाफ टूर की राशि का समायोजन कराया । ईओडब्ल्यू ने पूर्व कुलपित कुठियाला सहित 20 लोगों के खिलाफ धारा 409, 420, 120 बी, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 व मध्यप्रदेश लोक सेवा अधिनियम की धारा 6 के तहत प्रकरण दर्ज किया। गत 22 जुलाई को हाईकोर्ट ने कुठियाला की अर्जी ठुकराते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। इसे सुको के समक्ष चुनौती देते हुए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी व मप्र के पूर्व महाधिवक्ता पीके कौरव ने तर्क दिया कि आवेदक 72 वर्ष का बुजुर्ग है। जिसे राजनीतिक विद्वेषवश झूठे प्रकरण में फंसाया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी मंजूर कर ली।