पूर्व विधानसभा पूर्व विधानसभा के तीन बूथों में कांग्रेस उम्मीदवार लखन घनघोरिया को सबसे ज्यादा मत मिले थे, लेकिन जीत भाजपा उम्मीदवार अंचल सोनकर की हुई। कटरा अधारताल, मिल्क स्कीम व ठक्कर ग्राम क्षेत्र में वर्ष 2013 में क्रमश: 718, 843 एवं 778 वोट हासिल हुए। इस क्षेत्र के लोग नशे के अवैध कारोबार, साफ-सफाई सहित मूलभूत सुविधाओं के अभाव से परेशान हैं। अंदरूनी इलाकों में सफाई नहीं हो रही है। पानी की समस्या भी जस की तस है। क्षेत्र के दीपक केवट के अनुसार यहां पानी की समस्या हमेशा रहती है। नालियों की सफाई ठीक से नहीं होती। ज्योति रैकवार के अनुसार अभी क्षेत्र में बीमारियों का प्रकोप है, पर सफाई नहीं हो रही है। सडक़ की हालत जर्जर है। मिल्क स्कीम अधारताल निवासी अजीत पटेल के अनुसार विकास कार्य पहले की अपेक्षा ठीक हैं, पर रोजगार के साधन विकसित नहीं हुए।
बूथ जीते और सीट भी छीनी- 2013 के विधानसभा चुनाव में जिले की आठ विधानसभाओं में से पाटन के दो बूथों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा मत मिले। कांग्रेस पाटन के भुआरा और मझौली के पोला के बूथ क्रमांक 25 व बूथ क्रमांक 173 में क्रमश: 714 और 704 वोट लेकर भाजपा से सीट छीनने में कामयाब रही। यहां अस्त-व्यस्त नहरें, नशे के कारोबार सहित कृषि फीडर से पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। भुआरा के विष्णु पटेल के अनुसार किसान बीज-उर्वरक के लिए परेशान हो रहे हं।
बूथ जीते और सीट भी छीनी- 2013 के विधानसभा चुनाव में जिले की आठ विधानसभाओं में से पाटन के दो बूथों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा मत मिले। कांग्रेस पाटन के भुआरा और मझौली के पोला के बूथ क्रमांक 25 व बूथ क्रमांक 173 में क्रमश: 714 और 704 वोट लेकर भाजपा से सीट छीनने में कामयाब रही। यहां अस्त-व्यस्त नहरें, नशे के कारोबार सहित कृषि फीडर से पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। भुआरा के विष्णु पटेल के अनुसार किसान बीज-उर्वरक के लिए परेशान हो रहे हं।
2008 से ज्यादा मत मिले पांच बूथों में
2013 में जिले की आठों विधानसभाओं में सबसे ज्यादा मतों के आकलन में कांग्रेस को 2008 की अपेक्षा फायदा हुआ है। 2008 में पाटन के बूथ क्रमांक-25 और 173 में क्रमश: 144 एवं 180 वोट मिले थे। जबकि पूर्व विधानसभा के बूथ क्रमांक-29, 64 एवं 90 में क्रमश: 348, 148 और 188 वोट मिले थे।
कांग्रेस नगर अध्यक्ष, दिनेश यादव बताते हैं कि बूथों में जहां स्थिति मजबूत थी, वहां के जमीनी कार्यकर्ताओं को यथावत रखा है। जिन बूथों में कमजोर हुए थे, वहां के मुद्दों को चिह्नित कर सेक्टर व मंडलम् का गठन कर बूथ स्तर पर लगातार काम कर रहे हैं।