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जबलपुर

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : छह साल की मासूम से बलात्कार का अपराध गंभीर, आरोपित को जमानत नहीं

हाईकोर्ट ने की अर्जी खारिज, भोपाल के मिसरौद का मामला

जबलपुरJun 14, 2019 / 07:48 pm

abhishek dixit

High Court Order

हाई कोर्ट ऑर्डर

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने बीते साल भोपाल के मिसरौद में हुई छह साल की अबोध बच्ची से दुष्कर्म की घटना के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की अवकाशकालीन सिंगल बेंच ने कहा कि आवेदक पर लगाए गए आरोपों की गंभीरता, मामले की परिस्थितियों व तथ्यों के आधार पर उसे जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने आरोपित की अर्जी ठुकरा दी।

दादा को बताई आरोपित की करतूत
अभियोजन के अनुसार भोपाल जिले के मिसरौद थाना क्षेत्र में रहने वाली छह वर्षीय बालिका पहली कक्षा में पढ़ती है। उसके पिता सरकारी कर्मी हैं। 9 अक्टूबर 2018 को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान उसके पड़ोस में ही रहने वाला पीताबंर बाझ बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपने घर ले गया। किचेन मे डरा-धमका कर उसके साथ ज्यादती की। इसके बाद आरोपित ने बच्ची को थप्पड़ मारकर घर के बाहर छोड़ दिया। रोते हुए बच्ची अपने घर पहुंची। बच्ची को बिलखता देख जब उसके दादा ने वजह पूछी तो उसने आरोपित की करतूत के बारे में बताया। इस पर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

दो दिन बाद हुआ गिरफ्तार
पुलिस ने जांच के बाद आरोपित पीतांबर बाझ को 11 अक्टूबर को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ भादंवि की धारा 376 ( ए) (बी ) व पॉक्सो एक्ट 2012 की धाराओं 5/6 के तहत प्रकरण दर्ज किया। इसी मामले में जमानत पर रिहा करने का आग्रह करते हुए यह अर्जी पेश की गई। आवेदक की ओर से अधिवक्ता प्रसन्न नामदेव ने तर्क दिया कि उसे झूठा फंसाया गया। शासकीय अधिवक्ता रित्विक पाराशर ने अर्जी का विरोध किया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी।

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