दोगुना से भी ज्यादा आरक्षण देने पर स्पष्टीकरण मांगा
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सहायक प्राध्यापक परीक्षा के संबंध में यह स्पष्टीकरण मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि सहायक प्राध्यापक परीक्षा में दिव्यांगों को निर्धारित आरक्षण से ज्यादा आरक्षण क्यों दिया जा रहा है? हाईकोर्ट ने सहायक प्राध्यापक परीक्षा में दिव्यांगों को निर्धारित आरक्षण से दोगुना से भी ज्यादा आरक्षण देने पर स्पष्टीकरण मांगा है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की। मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार और लोक सेवा आयोग से जवाब मांगा। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
यह है मामला – सहायक प्राध्यापक और अन्य पदों की नियुक्तियों में दिव्यांगों के लिए छह फीसदी आरक्षण होरिजेंटल निर्धारित संजीव कुमार शर्मा व अन्य की याचिका में कहा गया कि सहायक प्राध्यापक और अन्य पदों की नियुक्तियों में दिव्यांगों के लिए छह फीसदी आरक्षण होरिजेंटल निर्धारित है। अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडेय ने कोर्ट को बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग ने सहायक प्राध्यापक परीक्षा के दौरान इसे अंग्रेजी विषय में 13 और अन्य विषय में 18 फीसदी तक कर दिया। परीक्षा में पर्याप्त संख्या में दिव्यांग नहीं मिले तो सामान्य केटेगिरी से कैरीफारवर्ड की योजना बना दी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार और लोक सेवा आयोग से जवाब मांगा।