होमगार्ड सैनिक को हटाने पर रोक
मप्र हाईकोर्ट ने होमगार्ड सैनिक को सेवा से हटाने के लिए जारी सूचना पर रोक लगा दी है। जस्टिस नंदिता दुबे की सिंगल बेंच ने ने डीजी होमगार्ड व अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किए हैं। चार सप्ताह में जवाब देने को कहा गया।
मप्र हाईकोर्ट ने होमगार्ड सैनिक को सेवा से हटाने के लिए जारी सूचना पर रोक लगा दी है। जस्टिस नंदिता दुबे की सिंगल बेंच ने ने डीजी होमगार्ड व अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किए हैं। चार सप्ताह में जवाब देने को कहा गया।
यह है मामला
जबलपुर जिले के कुंडम निवासी सुखचैन झारिया ने याचिका दायर कर कहा कि उसकी नियुक्ति 1988 में होमगार्ड सैनिक के पद पर जबलपुर में हुई थी। 2009 में उसकी ड्यूटी मंदसौर लोकसभा चुनाव में लगाई गई। 3 जुलाई 2009 को जिला कमांडेन्ट ने उसके सहित अन्य सैनिकों को शराबखोरी, गाली-गलौज व मारपीट के आरोप में बर्खास्त कर दिया। उसके बाद सरकार ने हटाए गए 9 सैनिकों को वापस ले लिया। लेकिन याचिकाकर्ता को बहाल नहीं किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर उसे सेवा में बहाल किया गया। अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली और मनोज कुशवाहा ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को पुन 20 जुलाई 2018 को सेवा से हटाने का नोटिस दिया गया है।
डीजीपी होमगार्ड सहित अन्य को हाईकोर्ट का नोटिस
उन्होंने कहा कि डीजी होमगार्ड ने पहले से ही याचिकाकर्ता को हटाने का निश्चय कर लिया है। जबकि पहले भी इसी आरोप को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। उसी आरोप में याचिकाकर्ता को दोबारा नोटिस जारी किया गया है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने होमगार्ड सैनिक को सेवा से हटाने के लिए जारी सूचना पर रोक लगा दी। इसी के साथ जस्टिस नंदिता दुबे की सिंगल बेंच ने ने डीजी होमगार्ड व अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किए हैं। सभी को जारी किए गए नोटिस चार सप्ताह में जवाब देने को कहा गया।