मध्यप्रदेश हाइकोर्ट जबलपुर में एक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बेहद सख्ती दिखाई। मामला अवैध आटो संचालन से जुड़ा हुआ है। हस मुद्दे पर दायर याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस आरएस झा और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। जस्टिस आरएस झा और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद अवैध ऑटो रिक्शा संचालन पर नाराजगी दिखाई। बैंच ने साफ शब्दों में कहा कि जबलपुर के लिए दिए गए आदेश का इंदौर, भोपाल में पालन हो रहा है पर यहां इसपर अमल नहीं किया जा रहा। हाईकोर्ट की बैंच ने ऑटो रिक्शा के संदर्भ में की गई कार्रवाई की प्रशासनिक रिपोर्ट को भी कागजी बताया। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एसपी और जिला दंडाधिकारी/कलेक्टर जबलपुर ने इनके विरुद्ध कुछ भी नहीं किया है। कोर्ट का कहना है कि यहां का आदेश इंदौर और ग्वालियर में पालित हो रहा है पर यहां नही।
अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस द्विवेदी ने सख्त टिप्पणी की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऑटो में ड्राइवर सीट के साथं 4 सवारी और कंडक्टर बैठते हैं। सवारियों की जेब काटने की घटनाएं रोज हो रही हैँ पर पुलिस कुछ नही करती है। कोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी भी दी। बैंच ने कहा कि अगर एक हफ्ते में एसपी और कलेक्टर ने काम कर के हालातों में सुधार नहीं किया तो कोर्ट इन दोनों अधिकारी के खिलाफ कठोर आदेश पारित करने को विवश होगी ।