फोकस बढ़ाने की जरूरत
एक्सपर्ट संदीप तिवारी का कहना है कि ऐसा नहीं कि जबलपुर के युवाओं में हौसलों की कमी है। कमी केवल इस बात की है कि वे किसी एक एग्जाम पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। जो अभ्यर्थी यूपीएससी की तैयारी कर रहा है, वह साथ-साथ एमपीपीएससी, कॉन्स्टेबल, बैंकिंग, रेलवे समेत अन्य परीक्षा की भी तैयारी कर रहे होते हैं। इस वजह से उनका फोकस इन सभी एग्जाम्स की ओर बढ़ जाता है। ऐसे में व्यक्ति किसी एक एग्जाम पर फोकस नहीं कर पाता और नतीजा यूपीएससी जैसे टॉप मोस्ट एग्जाम में सलेक्शन ना होने के रूप में सामने आता है। अब जरूरत इस बात की है कि स्टूडेंट्स किसी एक एग्जाम पर फोकस करें, तब ही वह इस तरह के एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।
एमपीपीएससी बेस्ड तैयारी
सामाजिक न्याय विभाग के सहायक संचालक आशीष दीक्षित ने बताया कि शहर में यूपीएससी का माहौल नहीं है। ज्यादातर तैयारी एमपीपीएससी बेस्ड होती है। यूपीएससी के लिए स्टूडेंट्स प्रॉपर कोचिंग नहीं लेते हैं। ना ही शहर में इसके लिए कोई समर्पित कोचिंग है। यही वजह है कि सलेक्शन रेशो ना के बराबर है। जरूरत है तो केवल यूपीएससी का माहौल तैयार करवाने की।
यह हैं कुछ कमियां
– एमपीपीएससी की तैयारी करने के साथ-साथ अन्य परीक्षाओं की भी तैयारी करना, जिससे फोकस कम होता है।
– एमपीपीएससी का कैलेंडर यूपीएससी का कैलेंडर आसपास ही चलते हैं। ऐसे में दोनों पर फोकस करना मुश्किल होता है।