20 मई को संयुक्त जांच में पाया गया कि मयंक वेयर हाउस स्थित इस खरीदी केंद्र को 70 हजार बारदाने उपलब्ध कराए गए थे। इनमें 50 किलोग्राम प्रति बारदाने के हिसाब से कुल 35 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी ही की जा सकती है। जबकि, कम्प्यूटर जनित पत्रक में 36200 क्विंटल गेहूं की खरीदी प्रदर्शित की गई थी। इस प्रकार इस खरीदी केंद्र में 1200 क्विंटल गेहूं की फर्जी खरीद दर्शाई गई।
जांच दल ने शिकायत की पुष्टि के लिए रेंडम आधार पर 50 बोरियों की तौल भी कराई। बारदाने के 580 ग्राम वजन सहित 25.29 क्विंटल के स्थान पर इन बोरियों में 24.69 क्विंटल गेहूं पाया गया। रैंडम आधार पर की गई तौल में पाई गई कमी के अनुपात के अनुसार मयंक वेयर हाउस के वास्तविक स्टॉक में 847.09 क्विंटल गेहूं की कमी स्पष्ट हुई। जांच दल को समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदे गए गेहूं की बोरियों में कोड और किसानों के नाम के टैग भी नहीं मिले।