संकेतक भी नहीं
नेशनल हाईवे पर कई जगहों पर अंधे मोड़ और सड़कों का जुड़ाव है। कई जगहों पर डिवाइडर नहीं हैं। कई डिवाइरों के आसपास संकेतक नहीं है, जिससे बड़े और भारी वाहनों की रफ्तार कम हो सके। वहीं कई ऐसे मार्ग हैं, जो अंधे मोड़ हैं और वे सीधे नेशनल हाईवे से जुड़ते है। वहां भी हमेशा हादसे होते हैं।
नेशनल हाईवे पर वाहनों को रोकने के लिए ट्रक लेन बनाई गई है। नेशनल हाईवे से लगे इस स्पॉट पर वाहन को पार्क करने की जगह होती है, लेकिन वाहन चालक वहां वाहन नहीं खड़े करते हैं।
रात में गायब हो जाता है इंटरसेप्टर
नेेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार में दौडऩे वाले वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए ट्रैफिक पुलिस के पास इंटरसेप्टर वाहन है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस द्वारा इंटरसेप्टर वाहन से केवल दिन में ही कार्रवाई की जाती है। शाम के बाद शहर के किसी भी नेशनल हाईवे पर यह वाहन नजर नहीं आता। इस कारण हाईवे से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार और तेज हो जाती है।
प्रतिमाह हादसे
सड़क हादसे लगभग 70 से 90
घायलों की संख्या लगभग 150 से अधिक
मृतकों की संख्या लगभग 16