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जबलपुर

राष्ट्रीय शालेय कराते प्रतियोगिता में खिलाड़ियों की सेहत से खिलवाड़, यह है मामला

आयोजन समिति की बड़ी लापरवाही उजागर

जबलपुरDec 05, 2019 / 01:32 am

reetesh pyasi

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जबलपुर। शहर के रानीताल खेल परिसर में खेली जा रही 65वीं राष्ट्रीय शालेय कराते प्रतियोगिता में में देशभर के विभिन्न राज्यों से 1400 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इन खिलाडिय़ों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा समिति बनाई गई है। समिति में एक भी डॉक्टर नहीं है। खिलाडिय़ों के स्वास्थ्य का जिम्मा महज आठ नर्सों पर है।
इलाज में देरी पर खिलाड़ियों ने किया हंगामा
मंगलवार को प्रतियोगिता के दौरान गोवा की एक महिला खिलाड़ी के जख्मी होने पर विक्टोरिया अस्पताल ले जाया गया। वहां इलाज में देरी पर साथी खिलाड़ियों ने हंगामा किया। इसके बाद उसे निजी अस्पताल ले जाया गया।

निजी डेंटल कॉलेज की हैं नर्स
चिकित्सा समिति की ओर से न तो सरकारी डॉक्टर्स न ही सरकारी नर्स की तैनाती के लिए कोई प्रयास किए गए। यही कारण है कि आनन फानन में निजी डेंटल कॉलेज की नर्सों को तैनात किया गया है। मंगलवार को बड़ी लापरवाही उजागर होने के बावजूद बुधवार को भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया। हैरत की बात यह है कि चिकित्सा समिति की ओर से नर्सों की तैनाती केवल प्रतियोगिता के दौरान ही की जाती है। रात में किसी खिलाड़ी का स्वास्थ्य खराब हो जाए या उसे डॉक्टर की जरूरत पड़े, तो वह जहां रुका है, वहां के प्राचार्य के भरोसे उसे छोड़ दिया गया है।
चिकित्सा समिति में सरकारी डॉक्टर्स नहीं हैं। निजी डेंंटल कॉलेज की 16 नर्सों को लगाया गया है, जिनकी तीन शिफ्ट में तैनाती की जाती है। प्रतियोगिता के दौरान भी इन्हीं की तैनाती की जाती है।
अमरीश पांडे, चिकित्सा प्रभारी
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