script#BurnUnit जबलपुर में बर्न यूनिट नहीं, मेडिकल और जिला अस्पताल में सामान्य वार्ड में हो रहा उपचार | No burn unit in Jabalpur any hospital, Treatment done in general wards | Patrika News
जबलपुर

#BurnUnit जबलपुर में बर्न यूनिट नहीं, मेडिकल और जिला अस्पताल में सामान्य वार्ड में हो रहा उपचार

#BurnUnit जबलपुर में बर्न यूनिट नहीं, मेडिकल और जिला अस्पताल में सामान्य वार्ड में हो रहा उपचार
 

जबलपुरApr 11, 2024 / 11:56 am

Lalit kostha

burn unit in Jabalpur

burn unit in Jabalpur

जबलपुर . प्रदेश के 16 जिलों का सबसे बड़ा रेफरल अस्पताल होने के बावजूद मेडिकल अस्पताल में स्पेशलाइज्ड बर्न यूनिट नहीं है। जबलपुर में सरकारी और निजी अस्पतालों की बर्न के मरीजों के इलाज के मामले में एक जैसी स्थिति है। यूनिट नहीं होने से अस्पतालों में मरीजों को सर्जरी वार्ड में ही अलग से सेक्शन बनाकर रखना पड़ता है।

सालाना साढ़े तीन सौ केस

हाल ही में मेडिकल अस्पताल में बर्न का एक वार्ड बनाया गया है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। मेडिकल अस्पताल में सालाना औसतन साढ़े तीन सौ के लगभग बर्न केस आते हैं। इन मरीजों को बहुत कष्टपूर्ण हालात में उपचार कराना पड़ता है। इसी तरह से जिला अस्पताल में भी बर्न का एक वार्ड है।

 

ये सेटअप जरूरी

बर्न यूनिट को इस तरह से तैयार किया जाता है जिससे की यूनिट में भर्ती मरीज को किसी प्रकार का संक्रमण न हो। मरीज के झुलसने के बाद उसके शरीर से त्वचा की परत उतर जाने से सारे कीटाणु सीधे उसके शरीर में प्रवेश करते हैं। इसलिए अगर थोड़ी भी धूल मिटटी उसके झुलसे हिस्से पर पड़ती है तो उसके जीवन को खतरा बन जाता है। ऐसे में वार्ड इस तरह बनाए जाते हैं कि उनमें संक्रमण का खतरा नहीं रहे। वार्ड में ऐसी मशीनें लगाई जाती हैं जो यूनिट में मौजूद जीवाणु, विषाणु और फंगस को नष्ट कर देती हैं। इस तरह की यूनिट विकसित करने में न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के लगभग का खर्च आता है। मेडिकल अस्पताल में स्किन बैंक शुरू किया गया है। बोन बैंक भी शुरू होने वाला है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ठोस प्रयास हों तो यहां भी स्पेशलाइज्ड बर्न यूनिट स्थापित की जा सकती है।

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