चित्तौड़गढ़ में वनपाल दक्षता परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता का आंकलन पुरुषों द्वारा किये जाने की प्रदेश कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि इस तरह की हरकत महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ ही नहीं बल्कि गैर-कानूनी भी है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष एवं मीडिया चेयरपरसन डॉ. अर्चना शर्मा ने कहा कि यह अफसोसजनक है कि महिला मुख्यमंत्री के राज में महिलाओं की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि हाल ही में रीट परीक्षा से पूर्व जांच के नाम पर महिला अभ्यर्थियों के दुपट्टे हटवा लिए गए थे जिसके कारण महिलाएं अपमानित हुई। इसी प्रकार आन्दोलनरत महिलाओं पर पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा बल प्रयोग की घटनाएं भी आम बात हो गई है। वहीँ कुछ दिनों पूर्व कोटा में एक नाबालिक बच्ची को रात्रि में थाने में बर्बर तरीके से पीटा गया।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि महिलाओं को पुलिस थाने में शाम के बाद नहीं रखा जा सकता और उन्हें थाने व कचहरी ले जाने के दौरान महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी अनिवार्य है, लेकिन प्रदेश में आये दिन इसका उल्लंघन हो रहा है।
डॉ. शर्मा ने प्रदेश की भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए वनपाल भर्ती दक्षता परीक्षा में हुई इस गंभीर चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।
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