script‘tohfaa’ app से चला रहा था ऑनलाइन ठगी का नेटवर्क, जालसाज गिरफ्तार | Online fraudulent network was running through the 'tohfaa' app | Patrika News
जबलपुर

‘tohfaa’ app से चला रहा था ऑनलाइन ठगी का नेटवर्क, जालसाज गिरफ्तार

Fraudster arrested:राज्य सायबर पुलिस की कार्रवाई-बर्थडे गिफ्ट, केक ऑर्डर आदि के लिए एक हजार लोगों ने डाउनलोड किया ऐप

जबलपुरJan 11, 2020 / 11:29 am

santosh singh

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police arrested fraudster

जबलपुर. राज्य सायबर पुलिस ने गुरुवार को ‘तोहफा’ ऐप के माध्यम से लोगों की गोपनीय जानकारी चुराकर ठगी करने वाले जालसाज को रांझी के गोकलपुर से गिरफ्तार किया। उसके घर से एक लैपटॉप, दो मोबाइल, तीन सिम भी बरामद हुई। आरोपी का एक बैंक खाता भी मिला है। खाते में जमा रकम की जानकारी बैंक से मांगी गई है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने खुद ही ऐप बनाया है। ऐप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह ऐप डाउनलोड करने वाले के मोबाइल की गोपनीय जानकारी देख सकता था। आरोपी के पिता हाईकोर्ट में कार्यरत हैं।
19 हजार की ट्रांजेक्शन की जांच में हुआ खुलासा
राज्य सायबर पुलिस जबलपुर जोन अधीक्षक अंकित शुक्ला ने बताया कि दिसम्बर 2019 में प्रणय कुमार ने शिकायत की कि उसके क्रेडिट कार्ड से 19 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर मोबाइल खरीदा गया है। निरीक्षक विपिन ताम्रकार और अन्य की जांच में ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल के माध्यम से मोबाइल खरीदने वाले का एडे्रस मिला। इसकी मदद से आरोपी गोकलपुर जजेस कॉलोनी निवासी आशीष वर्मा (24) को गिरफ्तार किया गया।

यू-ट्यूब से सीखा ठगी का अनोखा तरीका
कम्प्यूटर साइंस में डिप्लोमाधारी आशीष ने यू-ट्यूब पर ठगी का तरीका सीखा। फिर खुद ‘तोहफा’ नाम का ऐप विकसित कर गूगल के प्ले-स्टोर प्लेटफॉर्म पर डाल दिया। पिछले चार महीने से वह घर से ही पांच-छह लोगों की टीम बनाकर बर्थडे गिफ्ट, केक ऑर्डर या मोबाइल आदि की डिलेवरी कर रहा था।

आरबीएल और बजाज के क्रेडिट कार्ड थे निशाने पर
आरोपी आशीष वर्मा ज्यादातर आरबीएल बैंक और बजाज के क्रेडिट कार्ड को निशाना बनाता था। इसके ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी की आवश्यक्ता होती है, जो कि यूजर की जीमेल आईडी और मोबाइल पर आती थी।
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IMAGE CREDIT: patrika

ऐसे करता था ठगी
ऐप इंस्टॉल करने वाले यूजर को ई-मेल, जन्मतिथि, मोबाइल नम्बर, पासवर्ड अंकित करना पड़ता था। आरोपी यह सब लैपटॉप पर देखता था। जैसे ही कोई उसके ऐप के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान करता, वह उसका डेबिट, के्रडिट कार्ड, बेंक खाता नम्बर आदि जानकारी नोट कर लेता। इसके बाद डेबिट या क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड री-सेट करता और यूजर के ई-मेल पर ओटीपी प्राप्त कर लेता था। फिर नया पासवर्ड बना कर ऑनलाइन मोबाइल खरीदी करता था। उसके मोबाइल पर कई क्रेडिट-डेबिट कार्ड की फोटो और स्क्रीनशॉट्स भी मिले हैं।

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