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संस्कारधानी के युवा उत्साहपूर्वक स्वतंत्रता दिवस मनातें हैं। धार्मिक और सामाजिक पर्वों को मनाने के प्रति भी लोग उत्साहित रहते हैं। युवाओं की टोली ढोल-नगाड़े की धुन पर जश्न-ए-आजादी मनाएगी, तो बहनें थाली में राखियां लेकर भाइयों को रक्षा का संकल्प दिलाएंगी। इस दिन कई संगठनों के लोग रैली निकालते हैं। इसमें आधी आबादी भी पूरी भूमिका निभाती है।
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राखी बांधने में है पूरी ‘स्वतंत्रता’
ज्योतिर्विद् जनार्दन शुक्ला के अनुसार इस बार रक्षाबंधन का पर्व स्वतंत्रता दिवस के दिन पड़ रहा है। भद्रा नहीं होने के कारण राखी बांधने में पूरी ‘स्वतंत्रता’ रहेगी। सूर्योदय से शाम 4.30 बजे तक पूर्णिमा तिथि है, लेकिन उदया तिथि के अनुसार दिन-रात राखी मान्य होगी। हालांकि सुबह 6 से 7.30 बजे, सुबह 10.30 से दोपहर 3 बजे और शाम 6 बजे से रात 9.30 बजे तक राखी बांधने का श्रेष्ठ मुहूर्त है।
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इस बार तिरंगा राखियां
बड़ा फुहारा के व्यापारी पंकज जैन ने बताया, स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन एक ही दिन होने के कारण पहली बार तिरंगा राखियां बाजार में आई हैं। इनकी डिमांड भी अधिक है। तिरंगे में भी आधा दर्जन से अधिक डिजाइनों की राखियां उपलब्ध हैं। भाभी राखियों का प्रचलन भी बढ़ा है।