एेसी ही एक पीडि़त छात्रा सिविल लाइन निवासी छाया ग्रोवर ने बताया कि वेरीफिकेशन के वक्त उसके आवेदन में च्वाइस फिलिंग में बदलाव हुआ। उसके मुताबिक साइंस कॉलेज में वह वेरीफिकेशन करवाने गई। जहंा कुछ निजी कॉलेजों की टीचर मौजूद थे। उन्होंने मदद के बहाने उसके दस्तावेज लिए। कहा कि वो परेशान न हो उसका वेरीफिकेशन हो जाएगा। छात्रा के आवेदन पर दर्ज मोबाइल नंबर को बदल दिया गया। उसकी जगह दूसरा मोबाइल नंबर टीचरों ने दर्ज करवा दिया। ऑनलाइन प्रक्रिया में मोबाइल नंबर पर ही ओटीपी जनरेट होता है। जिसकी मदद से आवेदक अपने आवेदन में संसोधन कर पाता है। ओटीपी की मदद से च्वाइस फिलिंग में बदलाव कर दिया गया। ऐसा कई छात्राओं के साथ हुआ। दो-तीन शिकायत पिछले दिनों क्षेत्रीय संचालक उच्च शिक्षा के पास भी भेजी गई थी। बाद में उनका कार्यकाल ही खत्म हो गया। इसलिए कार्रवाई नहीं हो पाई।
हेल्प सेंटर में दलालों का डेरा
निजी बीएड कॉलेज ने छात्रों को लुभाने के लिए हेल्प सेंटर के बाहर अपने शिक्षकों की ड्यूटी लगाई हुई है। सोमवार को महाकोशल कॉलेज में कई निजी कॉलेजों के लिए प्रलोभन देने वाले दलालों को खदेड़ा गया। मानकुंवर बाई कॉलेज और साइंस कॉलेज में कई दलाल छात्रों को एडमिशन के लिए बहकाने की कोशिश में लगे रहते हैं।
– हेल्प सेंटर में आवेदकों ने कुछ कॉलेजों की च्वाइस बदलने की शिकायत की थी। जिसके बाद कॉलेज परिसर में किसी भी कॉलेज संचालक या उनके प्रतिनिधि को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग को भी अवगत कराया गया है।
-डॉ.आर सेम्युअल,प्राचार्य अग्रणी महाकोशल कॉलेज