जबलपुर. MP के इस जिले में कोरोना की दूसरी लहर का कहर थमता नजर नहीं आ रहा। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सारी तैयारी नाकाफी साबित हो रही है। कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए खुद आम नागरिक भी कम जिम्मेदार नहीं। नागरिकों की लापरवाही उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में ले रहा है। आलम यह है कि ताजा रिपोर्ट में संक्रमितों की संख्या डेढ़ सौ के पार पहुंच गई है। इतनी ही नहीं दो लोगों की मौत भी हुई है।
जानकारी के मुताबिक गुरुवार शाम आई रिपोर्ट में जिले में 156 नए मामले सामने आए हैं। यानी हर दिन एक नया रिकार्ड बन रहा है साल का। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बुधवार से गुरुवार के बीच दो लोगों की मौत हुई है। इस तरह चालू महीने में अब तक तीन लोग कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि फरवरी के 28 दिनों में 382 संक्रमित वाले जिले में मार्च के 25 दिनों में आंकड़ा बढ़कर 1556 पहुंच गया।
गुरुवार शाम 1752 नमूनों की रिपोर्ट आई जिसमें 156 नए संक्रमितों के साथ कुल आंकड़ा 18 हजार 206 पर पहुंच गया। वहीं 68 लोग ठीक हुए हैं। कुल ठीक होने वाले लोगों की संख्या 17 हजार 41 हो गई है। इस बीच कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। आलम यह कि गुरुवार को रिकवरी रेट गिरकर 93.60 प्रतिशत पर आ गया, जबकि 16 मार्च को जिले में रिकवरी रेट 96.74 प्रतिशत था। कोरोना से दो लोगों की मौत के साथ ही आंकड़ा बढ़कर 256 पर पहुंच गया है। जिले में एक्टिव केस बढ़कर 909 पर पहुंच गया है। वहीं 1059 संदिग्ध केस हैं।
सात दिन में इस तरह कोरोना के मामले सामने आएतारीख- संक्रमित- स्वस्थ हुए- रिकवरी रेट 25 मार्च- 156- 68- 93.60 24 मार्च- 109- 43- 94.03 23 मार्च- 143- 61- 94.36 22 मार्च- 124- 49- 94.78 21 मार्च- 102- 52- 95.17 20 मार्च- 108- 32- 95.42 19 मार्च- 116- 41- 95.83
बताया जा रहा है कि शहर में कोरेाना संक्रमण के अधिकतर मामलों में ट्रेवल हिस्ट्री मिली थी। इसके बाद शहर में तेजी से संक्रमण फैला। बावजूद इसके रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। कहीं भी यात्रियों का आरटीपीसीआर रिपोर्ट चेक नहीं हो रहा है, जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग में सख्ती का आदेश राज्य सरकार ने दिए थे। रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी बस स्टैंड में तो सोशल डिस्टेंसिंग ही भुला दिया गया है। यहां लोग बिना मास्क के ही घूमते हुए दिख जाते हैं।
कोरोना संक्रमण बढ़ने के मुख्य कारण -शहर में बसों से आने वाले यात्री दीनदयाल चौक पर ही उतर जाते हैं। जबकि स्क्रीनिंग टीम बस स्टैंड के अंदर बैठती है। -नागपुर में कोरोना विस्फोट के बाद बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, पर ट्रेन का सफर जारी है। स्टेशन पर न तो स्क्रीनिंग हो रही और न ही आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट देख रहे हैं। -इंदौर-भोपाल, महाराष्ट्र, दिल्ली से आने वाले यात्रियों में बड़ी संख्या में मदनमहल स्टेशन पर भी उतर जाते हैं। यहां स्क्रीनिंग के लिए कोई टीम तैनात नहीं है। मुख्य स्टेशन पर है तो वहां होती नहीं है। -डुमना एयरपोर्ट पर सिर्फ यात्रियों के शरीर का तापमान ही मापा जा रहा है। दिल्ली-मुम्बई से आने वाले फ्लायर्स का नाम-पता दर्ज कर रहे हैं। पर यहां भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं देख रहे हैं।
टीकाकरण से कतराने लगे लोग एक तरफ कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन टीकाकरण की रफ्ता में अपेक्षित गति नहीं आ पा रही है। कई ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लोगों ने टीके का पहला डोज तो ले लिया पर अब दूसरा डोज लगवाने से कतरा रहे हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर शत्रुघन दाहिया के मुताबिक दूसरा डोज लेने के 14 दिन बाद ही शरीर में कोरोना संक्रमण को हराने का प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।
जिले में टीकाकरण का अब तक का आंकड़ा -14 दिनों के वैक्सीनेशन में अब तक 1,46,948 लोगों ने वैक्सीन लगवाई है -22, 611 हेल्थ वर्कर ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था -13632 हेल्थ वर्कर ही दूसरा डोज लगवाने अब तक पहुंचे हैं, जो 64 प्रतिशत ही है -16,305 फ्रंट लाइन वर्कर्स को पहला डोज लगा। ये टार्गेट का 83 प्रतिशत है -10,421 फ्रंट लाइन वर्कर्स ने दूसरा डोज लगवाया, जो 54 प्रतिशत है -19,883 गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 से 60 की उम्र वालों ने वैक्सीन लगवाई है -64,096 सीनियर सिटीजन ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया है।
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