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जबलपुर

POWER- पिता-पुत्र का कारनामा जान, उड़ गए पूर्व बिजली कम्पनी के होश

रिटायर्ड कर्मी के पासवर्ड-आईडी का दुरुपयोग कर 40 लाख से अधिक की लगाई चपत

जबलपुरFeb 10, 2018 / 11:33 pm

santosh singh

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जबलपुर.पूर्व क्षेत्र बिजली कम्पनी में कार्यरत लाइन स्टाफ ने बेटे के साथ मिलकर 40 लाख से अधिक की चपत लगाई है। बेटा पिता के कार्यालय में ही ठेके पर कम्प्यूटर ऑपरेटर है। ये बंदरबांट रिटायर्ड कर्मी के पासवर्ड-आईडी का दुरुपयोग कर किया जा रहा था। प्रकरण सामने आने के बाद से हडक़म्प मचा हुआ है। विजिलेंस प्रभारी व चीफ इंजीनियर कार्यालय में पदस्थ आरके स्थापक की अगुवाई में कमेटी जांच कर रही है।
सिटी सर्किल के दक्षिण सम्भाग अंतर्गत पुरवा कार्यालय का मामला है। यहां पदस्थ लाइनमैन सुखदेव कुशवाहा और ठेके पर कम्प्यूटर ऑपरेटर उसके बेटे आशीष कुशवाहा ने मिलकर अप्रैल 2017 से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। कार्यालय में कार्यरत लिपिक गनपत सिंह ठाकुर अप्रैल 2017 में रिटायर हुए थे। वे ईआरपी (इंटर प्राइस रिसोर्स प्लानिंग)के प्रभारी थे। इस सिस्टम पर राजस्व वसूली अपडेट की जाती है। इसके लिए सभी को अलग-अलग आईडी-पासवर्ड जारी किए गए हैं। गनपत के रिटायर होने के बाद भी उनकी आईडी-पासवर्ड बंद नहीं हुई। आशीष ने इसी का फायदा उठाते हुए पिता के साथ मिलकर गनपत सिंह की आईडी-पासवर्ड के माध्यम से वसूली कर रकम हजम करता रहा।

इस तरह फर्जीवाड़ा
जमा होने वाले बिल की राशि लाइनमैन सुखदेव खुद रख लेता था। इसके एवज में एमपी ऑनलाइन और दूसरे भुगतान वाले विकल्पों की फर्जी रसीद बनाकर ईआरपी सिस्टम में चढ़ा देता था। इस तरह पिता-पुत्र ने मिलकर 10 महीने में 40 लाख से अधिक का गबन किया। गनपत की आईडी-पासवर्ड का इस्तेमाल होने से दोनों पर किसी को शक नहीं हो रहा था। सूत्रों के मुताबिक इस गड़बड़झाले में एई सहित दूसरे स्टाफ पर गाज गिर सकती है। दोनों को तत्काल प्रभाव से वहां से अलग कर दिया गया है।

दो दिन पहले लगी भनक
गनपत के आईडी-पासवर्ड का इस्तेमाल किए जाने की गड़बड़ी कार्यपालन अभियंता नरेंद्र मिश्रा ने पकड़ी और अधिकारियों को जानकारी दी।

बिल एडजस्टमेंट फर्जीवाड़े से नहीं ली सबक
40 लाख से अधिक के इस फर्जीवाड़े से कम्पनी के अधिकारियों की भूमिका भी कटघरे में है। 14 जुलाई को सिटी सर्किल के पूर्व सम्भाग में एई की आईडी से बिल एडजस्टमेंट के नाम पर लाखों का फर्जीवाड़े का मामला सामने आ चुका है। तब भी ठेके वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर और लाइनमैन की भूमिका सामने आई थी। जांच कमेटी के प्रभारी आरके स्थापक ने कहा कि फर्जी रसीद की मदद से भुगतान दर्शा कर लाखों की चपत लगाने वाले लाइनकर्मी और उसके बेटे के मामले की जांच चल रही है। दो दिन में जांच पूरी कर ली जाएगी।

 

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