जबलपुर में सीरियल ब्लास्ट, 14 हजार बम फटे, फैला जहरीला धुआं
सेना के लिए भेजे जा रहे कैंडल स्मोक बम से भरी मालगाड़ी में आग, खमरिया ऑर्डिनेंस फैक्ट्री एरिया में हड़कंप
Serial bomb blasts in Jabalpur 14 thousand bombs exploded
जबलपुर। ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) में सोमवार की शाम को जबर्दस्त धमाका हुआ। धमाके साथ ही आसमान में काला धुआं फैल गया।। एक के बाद हुए धमाके से शहर दहल उठा। आग की लपटें कई किमी दूर तक देखी गईं। इससे खमरिया क्षेत्र में दहशत फैल गई। घबराए लोग घरों के बाहर निकल आएं। सूत्रों के अनुसार हादसा फिलिंग सेक्शन-8 के पास हुआ। जहां, कैंडल स्मोक बमों की मालगाड़ी में लोडिंग के दौरान आग भड़क गई। हजारों बमों में आग लगने की सूचना जैसे ही फैली ओएफके और आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
एक बॉक्स से भड़की आग
फैक्ट्री के फिलिंग सेक्शन 8 में कैंडल स्मोक बमों का उत्पादन किया जाता है। सेक्शन के पास बने रेलवे प्लेटफार्म पर खड़ी मालगाड़ी में शाम करीब सात बजे प्राइवेट लेबर बमों के बक्सों को लोड कर रहे थे। एक बोगी भर चुकी थी, दूसरी में बमों को लोड किया जा रहा था। एक बॉक्स में अचानक आग लगने से वहां काम कर रहे कर्मचारी दूर हट गए। कुछ पल में आग ने विकराल रूप ले लिया। धमाकों के साथ डिब्बे में रखे बम फटते गए। हालांकि इनमें दूसरे बमो की तरह भयानक विस्फोट नहीं होता। इसलिए कोई कर्मचारी घायल नहीं हुआ।
ब्लास्ट से फैला जहरीला धुआं, सांस लेने में परेशानी
बमों से निकली आग और जहरीला धुआं इलाकें में फैल गया। इससे वहां कर्मचारियों को सांस लेने में दिक्कत हुई। विस्फोट की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे फैक्ट्री के दमकल विभाग ने आग पर काबू किया। फैक्ट्री के वरिष्ठ महाप्रबंधक एके अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। आग के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। वरिष्ठ महाप्रबंधक ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। मामले की जांच करने पुणे से सीक्यूए की टीम भी जबलपुर पहुंचेगी।
जलकर खाक हो गया वैगन
सूत्रों ने बताया कि डिब्बे में 2 से 4 लॉट कैंडल स्मोक बम थे। वह जलकर खाक हो गए। यही नहीं बगल वाला वैगन भी बमों से भरा था। उसे वहां मौजूद कर्मचारियों ने रस्सी से खींचकर अलग किया। यदि उसमें आग लगती तो स्थिति और बिगड़ सकती थी। सामने ही इन्हीं बमों का स्टोर भी था। फायर ब्रिगेड ने सबसे पहले बोगी की आग बुझाई और आग को स्टोर तक बढऩे से रोका। घटना में करीब 14 हजार बम पूरे तरह से बर्बाद हो गए।
दुश्मन को चकमा देने में इस्तेमाल
कैंडल स्मोक बम का इस्तेमाल दुश्मन को चकमा देने में किया जाता है। इसे जब फेका जाता है तो 150 से 350 सेकंड तक काला धुआं निकलता है। 3 किलो वजनी बम से निकले काले धुएं की आड़ में सैनिक यहां से वहां निकल जाते हैं। एमुनेशन और टैंक को भी इसकी आड़ में एक से दूसरी जगह ले जाया जाता है। इस बम में पिचकोल, एनीमल ग्लू, सल्फर एवं पोटेशियम का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें माचिस की तीली की तरह रैपर लगा होता है। केम्ब्रिज से रगडऩे पर यह सक्रिय हो जाता है।