बताया गया कि एक संस्था ने जबलपुर शहर को मिनी मैराथन का आयोजन कराने के लिए चुना। संस्था का दावा भारी-भरकम है। उसके दावे पर भरोसा करें, तो उसका मकसद खाद्य पदार्थों में मिलावट मुक्त अभियान चलाना है। पहली नजर में तो यह एक अच्छी पहल है। क्योंकि, जबलपुर शहर में मिलावट तो शिष्टचार के रूप में रच-बस गई है। लोगों को लगा कि मिलावट पर शायद बे्रेक लग जाए, तो उन्होंने भी भारी उत्साह दिखाया है। जबकि नगर निगम के अपर आयुक्त वित्त की ओर से जारी आदेश में इसे स्वच्छता दौड़ बताया गया है। वहीं, इसके उलट आयोजकों ने आमंत्रण पत्र छपवाए हैं, उसमें मिलावट के खिलाफ अभियान बताया गया है।
इस आयोजन के सम्बंध में जबलपुर की महापौर स्वाति गोडबोले का कहना है कि मुझे निगम के सहयोग से होने वाले किसी आयोजन की सूचना नहीं है। निगम की सहभागिता की सूचना जनप्रतिनिधियों को दी जानी चाहिए।
वहीं, शहर के विधायक विनय सक्सेना का कहना है कि निगम के बजट से होने वाले आयोजन की जानकारी नहीं है। नेताओं व जनप्रतिनिधियों के आयोजन सामान्यत: व्यक्तिगत ही होते हैं। इस सम्बंध में निगम के अफसरों से जानकारी ली जाएगी।
इस सम्बंध में नगर निगम के अपर आयुक्त वित्त रोहित कौशल का कहना है कि संस्था के सहयोग से निगम की ओर से स्वच्छता दौड़ का आयोजन किया गया है। प्रक्रिया नियमानुसार की गई है। इन सबके बीच आम लोगों को अब आयोजन के परिणाम का इंतजार है। वे तो मिलावट के खिलाफ एक बड़े अभियान की उम्मीद कर रहे हैं। साथ में इस आयोजन की आड़ में अपनी नेतागीरी चमकाने वालों को निशाने पर भी ले रहे हैं।