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जबलपुर

नर्मदा जल से किया भगवान शिव का अभिषेक

श्रावण मास में शिवालयों में गूंज रहा हर-हर महादेव, कांवड़ यात्रा में दिखी अद्भुत भक्ति

जबलपुरJul 23, 2019 / 06:46 pm

Sanjay Umrey

savan

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जबलपुर। श्रावण मास में संस्कारधानी भगवान शिव की भक्ति में लीन है। कहीं रुद्राभिषेक किया जा रहा है तो कहीं पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा है। वहीं कांवडि़ए कांवड़ में नर्मदा जल ले जाकर शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं।
सावन के पहले सोमवार को संस्कारधानी में भक्तों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक, रुद्राभिषेक किया। सूर्योदय के पहले से ही शिवालयों में हर-हर महादेव के जयघोष के साथ भक्तों की टोली उमडऩे लगी। सुबह 7 बजे ही मंदिरों के गर्भगृह के समक्ष भक्तों की लम्बी कतारें लग गई। कतारों में देर तक लगकर भगवान को जल, पुष्प बेल पत्र अर्पित किया। सुबह से देर रात तक भूतभावन भोलेनाथ की भक्ति होती रही।
प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 4 बजे अभिषेक के बाद भक्तों को जलाभिषेक का अवसर प्राप्त हुआ। भक्तिमय संगीत के बीच पुष्प, धतूरा, बेल पत्र सहित अन्य सामग्रियों के साथ भक्त कतारों में लगे हुए थे। मंदिर के महंत स्वामी डॉ. मुकुंद दास के सान्निध्य में रात 8 बजे भगवान का वैभव श्रृंगार हुआ। श्रृंगार दर्शन एवं आरती के लिए काफी संख्या में भक्त पहुंचे।
विजयनगर के कचनार सिटी स्थित 76 फुट ऊंची भगवान शिव प्रतिमा का भक्तों ने दर्शन किया। शाम 5 बजे के बाद श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे लगी। भक्तों ने द्वादस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और प्रतिमा की प्रक्रिमा कर हवन पूजन किया।
प्राचीन शिवलिंग पर पीतल का श्रृंगार
गैबीनाथ महादेव मंदिर में प्राचीन शिवलिंग पर पीतल धातु से ढंककर श्रृंगार किया गया। उसके बाद भक्तों को जलाभिषेक एवं रुद्राभिषेक का अवसर प्राप्त हुआ। मंदिर समिति के अभय शंकर प्यासी एवं डॉ. बीपी अवस्थी के अनुसार गोंडवाना कालीन शिवलिंग में भविष्य में क्षरण न हो, इसलिए पीतल धातु का उपयोग किया गया है। मुख्य शिवलिंग पर सुबह एक बार ही अभिषेक किया जाता है, उसके पीतल धातु के सांचे को लगाया जाता है। शिव मंदिर भरतीपुर, कांच मंदिर जिलहरीघाट, पशुपतिनाथ मंदिर लम्हेटाघाट, रामेश्वरम महादेव ग्वारीघाट, बादशाह हलवाई मंदिर पोलीपाथर, गीताधाम ग्वारीघाट एवं समन्वय सेवा केंद्र स्थित मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया।
नर्मदा तट पर पूजन
नर्मदा तट के खारीघाट स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
वहीं नर्मदा महाआरती घाट पर स्थापित द्वादस ज्योतिर्लिंग के समक्ष लोगों ने भक्ति की। सोमवार को पुरोहितों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए नर्मदा तट पर रुद्राभिषेक कराए।
कांवड़ यात्राएं निकलीं
ग्वारीघाट और तिलवाराघाट से कांवडिय़ों ने यात्रा निकाली तो सडक़ों पर भक्तिपूर्ण माहौल बन गया। भक्तिमय संगीत के बीच भजन कीर्तन करती हुई भक्तों की टोली नंगे पांव भोलेनाथ के दरबार में पहुंची। मां नर्मदा पूजन के बाद कांवड़ में नर्मदा जल भरकर कांवडिय़ों की टोली गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, गैबीनाथ मंदिर, पाट बाबा शिव मंदिर में पहुंची और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जलाभिषेक किया। आगा चौक उजारपुरवा के कांवड़ यात्री सोमवार को बैजनाथ धाम के लिए रवाना हुए। रानीताल हनुमान मंदिर से कांवडि़ए गुप्तेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। शिव मंदिर में जलाभिषेक के बाद श्रद्धालु ट्रेन से तीर्थ यात्रा पर गए। गणेश गुप्ता, श्याम बिहारी गुप्ता, नरेश पटेल, राजभान, गीता, उमेश एवं जितेंद्र साहू सहित दो दर्जन लोग बैजनाथ धाम गए हैं।

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