script11 चौराहों की सिग्नल प्रणाली सेंसर से, स्वत: होंगे रेड या ग्रीन | Signal system sensor in Jabalpur will be automatic, red or green | Patrika News
जबलपुर

11 चौराहों की सिग्नल प्रणाली सेंसर से, स्वत: होंगे रेड या ग्रीन

आइटीएमएस के अंतर्गत चौराहों पर लगे सिग्नलों को बनाया जा रहा हाइटेक, कमांड कंट्रोल सेंटर से ही सभी को किया जा सकेगा नियंत्रित

जबलपुरJun 18, 2019 / 12:30 am

santosh singh

कलेक्ट्रेट चौराहे पर लगा सिग्नल

कलेक्ट्रेट चौराहे पर लगा सिग्नल

जबलपुर. शहर के हर चौराहे पर अब अटकना नहीं पड़ेगा। एक चौराहे पर ग्रीन सिग्नल मिला तो आगे का चौराहा भी ग्रीन ही मिलेगा। चौराहे के किसी खास मार्ग पर अधिक या कम ट्रैफिक दबाव मिला तो सिग्नल की ग्रीन लाइट टाइमिंग स्वत: बढ़ या घट जाएगी। सिग्नल बंद हुए तो कमांड कंट्रोल सेंटर को तुरंत पता चल जाएगा, शिकायत की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल 11 चौराहों को हाइटेक ट्रैफिक सिग्नल युक्त प्रणाली से लैस किया जा रहा है।
अभी पीपीपी मोड पर हो रहा सिग्नल का संचालन
ट्रैफिक सिग्नल का संचालन अभी पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। इसमें सिग्नल की टाइमिंग कम या अधिक करने के लिए मौके पर पहुंचना पड़ता है। वहीं इनमें अगले चौराहे के ट्रैफिक को ध्यान में रखकर बदलाव जैसी व्यवस्था नहीं है।
नई डिजाइन के लगाए जा रहे सिग्नल पोल
सिर्फ ट्रैफिक सिग्नल को ध्यान में रखकर तैयार नई डिजाइन के सिग्नल पोल लगाए जा रहे हैं। मौजूदा डिजाइन विज्ञापन को ध्यान में रखकर बना था। हर सिग्नल पोल पर रेड, ग्रीन लाइट के साथ सेंसर युक्त कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। वहीं इंटरनेट के लिए मोबाइल सिम का प्रयोग किया जाएगा। इसी से सिग्नल चंडालभाटा स्थित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से ऑटोमेटिक जुड़ेंगे।

लेबर चौक पर लगा सिग्नल
IMAGE CREDIT: patrika

तीन पत्ती पर निगम वाली लेन में चला ट्रॉयल
सेंसर युक्त सिग्नल का ट्रॉयल अभी तीन पत्ती के निगम वाली लेन पर चल रहा था। छह महीने के ट्रॉयल का परिणाम ठीक मिलने के बाद अब इसे 11 चौराहों पर विस्तारित किया जा रहा है। सेंसर 200 मीटर की दूरी तक खड़े वाहनों को रीड कर लेंगे, फिर इसके अनुसार रेड या ग्रीन सिग्नल देंगे। वाहनों की संख्या के अनुसार रेड या ग्रीन सिग्नल की टाइमिंग ऑटोमैटिक बदलेगी।
सेंसर युक्त ट्रैफिक सिग्नल इंटरनेट से जुड़ेंगे
सेंसर युक्त ट्रैफिक सिग्नल को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है। इसे ट्रैफिक थाने, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से या अन्य स्थानों से भी नियंत्रित किया जा सकेगा, रिकॉर्डिंग भी होगी।
न्यूज फैक्ट-
आइटीएमएस की लागत-27 करोड़
चौराहे पर कैमरे, पीए सिस्टम और डिस्प्ले लगाए जा रहे
इन चौराहों पर लगेगी-ब्लूम चौक, रानीताल, तीन पत्ती, दमोहनाका, कटंगा, पेंटीनाका, लेबर चौक, बल्देवबाग, गोहलपुर, अधारताल, कलेक्ट्रेट
ये होगी विशेषता
-मैन्युअल टाइमिंग सेट नहीं करना पड़ेगा
-कमांड सेंटर से ही टाइमिंग में बदलाव किया जा सकेगा
-सेंसर खुद रीड कर लेगा कि अमुक मार्ग पर अधिक ट्रैफिक दबाव, तो ग्रीन सिग्नल की बढ़ जाएगी टाइमिंग
-सेंट्रालाइज्ड मिलेगा ग्रीन सिग्नल

ब्लूम चौक पर लगा नया सिग्नल
IMAGE CREDIT: patrika

ब्लूम चौक पर नहीं दिखती टाइमिंग
ब्लूम चौक पर नई डिजाइन का सिग्नल लग चुका है, लेकिन टाइमिंग बताने वाला डिस्प्ले पुराने पोल पर ही लगा है। उसके आगे नए पोल लगाने से टाइमिंग बोर्ड छिप गया है, इससे लोगों को टाइमिंग नहीं दिख पाती।
वर्जन-
शहर में 11 स्थानों पर नई डिजाइन वाले हाइटेक ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली लगाने का काम चल रहा है। ये प्रणाली सेंट्रालाइज्ड होगी। इससे लोगों को हर चौराहे पर अटकना नहीं पड़ेगा।
अंकुर खरे, प्रभारी आइटीएमएस
वर्जन-
मौजूदा ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली बहुत पुरानी है। वाहनों का दबाव अलग-अलग मार्गों पर समय के साथ बदलता रहता है। इस बारे में पूर्व में सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में बात उठायी थी। आइटीएमएस के अंतर्गत शहर के प्रमुख 11 चौराहों पर हाइटेक सेंसर युक्त सिग्नल प्रणाली लगाने का काम शुरू हो गया है।
अमृत मीणा, एएसपी ट्रैफिक

 

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