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mp pollution: कोरोना संकट के बीच शहर की हवा प्रदूषित, अन्य बीमारियां बढऩे का खतरा

शहर में हवा की ‘सेहत’ बिगड़ी, प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अमला सक्रिय नहीं

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जबलपुर। शहर के कई इलाकों में धुंध छा रही है। इसके कारण प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में फिर उछाल आया। चौबीस घंटे में एक्यूआई जिस रफ्तार से बढ़ा है उसे खतरे का संकेत माना जा रहा है। सुबह के मुकाबले एक्यूआई 22 प्वॉइंट बढ़ा है।

पीएम 2.5 व 10 का स्तर ज्यादा
हवा में पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर लगातार बढ़ रहा है। वायु में दोनों की मात्रा का बढऩा स्वास्थ्य के लिए खतरानाक बताया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार वायु की गुणवत्ता खराब होने पर लोगों को श्वांस लेने में तकलीफ हो सकती है। अस्थमा के मरीज, हृदय रोगियों को समस्या बढ़ सकती है। पुअर श्रेणी में वायु गुणवत्ताखुशनुमा जलवायु के लिए अलग पहचान रखने वाले जबलपुर की वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। वायु गुणवत्ता पुअर श्रेणी में शामिल हो गई है, जो खतरनाक है।

मास्क लगाने की सलाह
वैज्ञानिकों से लेकर डॉक्टर सभी का कहना है कि कोरोना और प्रदूषण से बचाव के लिए हर हाल में मास्क लगाएं। ताकि, स्वास्थ्य से सम्बंधी समस्या न हो। प्रदूषण का स्तर लगातार बढऩे के बावजूद खेतों में किसानों का पराली जलाना जारी है। पराली जलाने पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है, लेकिन आदेश क ा पालन नहीं किया जा रहा है। प्रशासन का मैदानी अमला भी कलेक्टर के आदेश का सख्ती से पालन कराने सक्रिय नहीं हुआ है।

मौसम में आ रहा बदलाव और पराली जलाया जाना भी एक्यूआई बढऩे का कारण है। किसान खेतों में पराली न जलाएं जिससे प्रदूषण बढऩे से रोका जा सके।
- एसके खरे, वैज्ञानिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड