बैंक को लगाई 44 करोड़ की चपत, सहअभियुक्त के बयान भी अहम
सीबीआई कोर्ट ने धोखाधड़ी के आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर कहा
जबलपुर. जिला अदालत ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच में तह तक जाने के लिए सह आरोपित के बयान की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस टिप्पणी के साथ सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे की अदालत ने 44 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में आरोपित साकार हिल्स, सैनिक सोसायटी निवासी आदित्य चावला की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दी। अभियोजन अधिकारी संजय उपाध्याय के अनुसार आरोपित आदित्य चावला ने फर्जी संस्था मेसर्स जगदम्बा एएमडब्ल्यू ऑटो मोबाइल, योगेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह व प्रतिमा सिंह सहित अन्य अज्ञात बैंक कर्मचारियो से साजिश रचकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 50 चार पहिया वाहनों के लिए अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के मध्य 43.77 करोड़ रुपए स्वीकृत करा लिया। सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अलावा धोखाधड़ी की धारा-420 सहित अन्य के तहत अपराध दर्ज किया। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपित की ओर से यह अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई। अधिवक्ता उपाध्याय ने तर्क दिया कि आवेदक ने पूछताछ के दौरान अपने निवास का जो पता बताया था, वहां नहीं पाया गया। उसने खुद को चार्टेड एकाउंटेंट बताया पर वह इस बारे में कोई डिग्री नहीं पेश कर पाया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आवेदन खारिज कर कहा कि मामला अनुसंधान के स्तर पर है। ऐसे में अग्रिम जमानत दी गई तो आरोपित साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है।