जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में न्यायाधीश के पदों पर होने वाली नियुक्ति के लिए राज्य के चार वरिष्ठ वकीलों को स्टॉप प्रेक्टिस के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इनमें जबलपुर के दो अधिवक्ता शामिल हैं। जल्द ही नियुक्ति के वारंट जारी कर दिए जाएंगे। मप्र हाईकोर्ट कॉलेजियम ने न्यायाधीशों के लिए इन चारों सहित कुल नौ नामों को स्वीकृत कर इनकी अनुशंसा की है। इन नियुक्तियों के साथ ही हाईकोर्ट में जजों की संख्या 38 हो जाएगी। अब केवल औपचारिकताएं शेष बताई जा रही हैं।
इंदौर के दो वकील
जबलपुर के अधिवक्ता विवेक रूसिया व सुश्रुत धर्माधिकारी को हाईकोर्ट प्रशासन से स्टॉप प्रेक्टिस के आदेश मिल चुके हैं। इनके अलावा इंदौर के अतुल श्रीधरन व आनंद पाठक को भी यह आदेश जारी किए गए हैं। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि नए न्यायाधीशों के नियुक्ति वारंट जल्द जारी कर दिए जाएंगे।
दो अन्य वकीलों के नाम पर भी चर्चा
उधर, हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर परिसर में यहां के दो अन्य वकीलों के नाम भी न्यायाधीश पद के लिए विचार के लिए भेजे जाने की चर्चा सरगर्म रही। बताया जा रहा है कि अधिवक्ता विजय कुमार शुक्ला व अहादुल्ला उस्मानी के नाम भी कॉलेजियम के समक्ष विचार के लिए रखे गए हैं। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
क्या है स्टॉप प्रेक्टिस
जिन वकीलों के नाम न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए अंतिम रूप से तय हो जाते हैं, उन्हें स्टॉप प्रेक्टिस के आदेश जारी कर वकालत बंद करने को कहा जाता है। माना जाता है कि स्टॉप प्रेक्टिस के आदेश के बाद केवल वारंट जारी होना और शपथ ग्रहण की औपचारिकता शेष रह जाती है।
इन जिला न्यायाधीशों के नाम
जिन जिला एवं सत्र न्यायाधीशोंं की पदोन्नति होनी है, उनमें अनुराग श्रीवास्तव, एचपी सिंह, एके जोशी, राजीव दुबे व जेपी गुप्ता के नाम हैं। अब इनके नियुक्ति वारंट पर राष्ट्रपति कार्यालय की मंजूरी की मुहर लगनी शेष है। हालांकि मप्र हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी का कहना है कि अभी तक उनके पास इस सम्बंध में कोई सूचना नहीं है।