सूख चुका है एक कुआं
गांव की रामबाई, जानकीबाई ने बताया कि पानी का दूसरा जरिया नहीं होने के कारण वे कुएं के मटमैले पानी को छानकर पीते हैं। पानी नहीं मिलने से उन्हें कई दिन बिना नहाए रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि भू-जल स्तर गिरने से एक कुआं पहले ही सूख चुका है।
सुबह से शाम तक करनी पड़ती है मशक्कत
गांव के सरोज कुमार ने बताया कि हर साल गर्मी में उन्हें ऐसे ही जलसंकट का सामना करना पड़ता है। लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए शासन की कई योजनाएं हैं, लेकिन बरगी डैम के समीपवर्ती इस गांव में पानी पहुंचाने के लिए अब तक कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई गई। गांव के संतूराम ने बताया कि जलसंकट ने ग्रामीणों की दिनचर्या को प्रभावित किया है। जब तक पानी नहीं मिलता, घर में चूल्हा नहीं जलता। इससे कई बार आधा दिन भूखे ही रहना पड़ता है।