जिले में लम्बे समय से नया औद्योगिक क्षेत्र नहीं बना था। वर्तमान में हरगढ़ में जगह खाली है। इसके बाद भी निवेशक यहां इंडस्ट्री लगाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। उमरिया-डुंगरिया में भी कृषि और कृषि आधारित विश्ेाष आर्थिक प्रक्षेत्र (एसइजेड) के साथ कृषि आधारित उद्योग क्षेत्र भी विकसित किया गया था। अब वहां नाममात्र की जगह बची है। इसलिए एमपीआइडीसी ने 30 करोड़ से फेज-2 में 203 एकड़ में अत्याधुनिक सुविधा वाला औद्योगिक क्षेत्र तैयार किया है।
प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार बढेग़ा
उमरिया-डुंगरिया में दो साल पहले औद्योगिक क्षेत्र तैयार करने के लिए काम शुरू हुआ था। एमपीआइडीसी ने यहां एक हजार वर्ग मीटर से 17 हजार वर्ग मीटरके 86 भू-खंड तैयार किए हैं। यदि यहां 10-10 व्यक्तियों को भी प्रत्यक्ष रोजार मिलता है, तो करीब एक हजार युवाओं को प्रत्यक्ष और 500 से ज्यादा को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यह जिले का पहला औद्योगिक क्षेत्र है, जहां सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है।
पहले फेज से ज्यादा है रेट
शहर से करीब 40 किमी दूर स्थित इस औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों को निवेश के लिए थोड़ी ज्यादा राशि चुकानी पड़ सकती है। फेज-1 में विकास शुल्क 300 रुपए वर्ग मीटर था। फेज-2 में रेट 636 रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। प्रीमियम भी अलग है।
उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र का फेज-2 तैयार हो गया है। भूमि का आवंटन भी शुरू हो गया है। आचार संहिता के कारण प्रक्रिया रुकी थी। 12 निवेशकों ने यहां इंडस्ट्री लगाने के लिए भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया है।
सीएस धुर्वे, कार्यकारी संचालक, एमपीआइडीसी