नव ज्योति नशा मुक्ति सह पुनर्वास केंद्र के हेमंत सोलंकी ने कहा कि समाज में यह भ्रान्ति है कि केवल असामाजिक तत्व ही मादक द्रव्यों का सेवन करते हैं, जबकि वर्तमान में अच्छे परिवार के लोग भी व्यसन के शिकार बन रहे हैं। किसी भी तरह का व्यसन शुरू में तो मजा लगता है पर धीरे-धीरे जब मनुष्य उसके गिरफ्त में आता है तो यह नशा ही उसके लिए सजा का कारण बन जाता है और व्यसन करने वाला नशे की गिरफ्त में रहने को मजबूर हो जाता है।
एडिशनल एसपी ट्रैफिक जबलपुर अमृत मीना ने कहा कि व्यसनों से आनंद की अनुभूति तो केवल क्षणिक होती है, बहुत थोड़े ही समय में यह सब कुछ दु:ख और पीड़ा में बदल जाता है और अपने नशे की लत को पूरा करने के लिए व्यक्ति समाज और राष्ट्र विरोधी कार्य करने लग पड़ता है।
कार्यक्रम में नव ज्योति नशा मुक्ति सह पुनर्वास केंद्र के एनके सरकार, आनंद पगारिया, नीरज रजक , रोटरी क्लब के डॉक्टर वरुण साहनी, जायंटस क्लब के डॉक्टर खन्ना, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के दीपक भाई, राजेंद्र भाई, प्रकाश भाई का विशेष सहयोग रहा।