40 सीटर बस
40 सीटर बस नॉन एसी होगी। जिसमें अंदर व बाहर दोनों तरफ पर्यटन स्थलों के चित्रों को अंकित किया जाएगा। इस बस का अधिकतम किराया 150 रुपये तय करने की तैयारी है। महाकोशल टूरिज्म को-आपरेटिव सोसायटी के मुताबिक बस तैयार है। इस माह के अंत तक ट्रॉयल लिया जाएगा। जिसमें ये तय होगा कि पर्यटन स्थलों पर बस कितनी देर तक रुकेगी। जबलपुर के आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी बताते हैं कि पर्यटन बस चलाने के लिए कुछ माह पहले आवेदन आया था। परमिट भी जारी किया जा चुका है। बस का संचालन कब से होगा, ये ऑपरेटर को तय करना है। ोटल से रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म-1, कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन, तीन पत्ती चौक होते हुए आईएसबीटी पहुंचेगी। वहां से सवारियां लेने के बाद भ्रमण पर निकलेग.
40 सीटर बस नॉन एसी होगी। जिसमें अंदर व बाहर दोनों तरफ पर्यटन स्थलों के चित्रों को अंकित किया जाएगा। इस बस का अधिकतम किराया 150 रुपये तय करने की तैयारी है। महाकोशल टूरिज्म को-आपरेटिव सोसायटी के मुताबिक बस तैयार है। इस माह के अंत तक ट्रॉयल लिया जाएगा। जिसमें ये तय होगा कि पर्यटन स्थलों पर बस कितनी देर तक रुकेगी। जबलपुर के आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी बताते हैं कि पर्यटन बस चलाने के लिए कुछ माह पहले आवेदन आया था। परमिट भी जारी किया जा चुका है। बस का संचालन कब से होगा, ये ऑपरेटर को तय करना है। ोटल से रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म-1, कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन, तीन पत्ती चौक होते हुए आईएसबीटी पहुंचेगी। वहां से सवारियां लेने के बाद भ्रमण पर निकलेग.
नेशनल परमिट के लिए एक लाख रुपए शुल्क मोटर वीकल एक्ट 1988-89 में बदलाव और जनवरी 2018 से लागू हो रहे नए मोटर वीकल एक्ट के तहत अब नेशनल परमिट के लिए एक लाख रुपए शुल्क लेगा। परमिट लेने ऑपरेटरों को एक लाख रुपए खर्च करने होंगे। वहीं वाहनों के रजिस्ट्रेशन का काम डीलरों को सौंप दिया जाएगा। वहीं ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए आवेदक को मोटर ड्राइविंग स्कूल से ड्राइविंग का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा तभी आरटीओ कार्यालय आवेदक को लाइसेंस जारी करेगा। बैंगलुरु में हुई देश भर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की बैठक में बीते दिनों नये मोटर वीकल एक्ट के मसौदे पर विस्तार से चर्चा की गई। नए बदलाव में कई अनावश्यक सेवाएं परिवहन विभाग से हटाकर निजी ऑपरेटरों और एजेंटों को सौंप दिया जाएगा। आल इंडिया परमिट के हो रहे दुरुपयोग को रोकने के लिए फीस बढ़ाई गई है।
वाहन ट्रांसफर के लिए कार्यालय जाने की जरूरत नहीं- नया मोटर वीकल एक्ट लागू हो जाने के बाद वाहन ट्रांसफर करवाने के लिए आरटीओ के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। वाहन स्वामी और खरीददार को एक साथ बैठकर ऑनलाइन वाहन ट्रांसर्फर की प्रक्रिया करनी होगी।
वाहन ट्रांसफर के लिए कार्यालय जाने की जरूरत नहीं- नया मोटर वीकल एक्ट लागू हो जाने के बाद वाहन ट्रांसफर करवाने के लिए आरटीओ के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। वाहन स्वामी और खरीददार को एक साथ बैठकर ऑनलाइन वाहन ट्रांसर्फर की प्रक्रिया करनी होगी।