scriptUGC Ranking : ए-ग्रेड के लिए विवि की ‘परीक्षा’, व्यवस्थाएं जस की तस | ugc ranking 2019 of universities in india 2019 | Patrika News
जबलपुर

UGC Ranking : ए-ग्रेड के लिए विवि की ‘परीक्षा’, व्यवस्थाएं जस की तस

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय : यूजीसी की रैंकिंग के आधार पर ही मिलनी है ग्रांट

जबलपुरSep 23, 2019 / 01:46 am

abhishek dixit

RDVV admission

RDVV admission

जबलपुर. रानी दुर्गावती विवि ने अपनी रैंक सुधारने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन जो अव्यवस्थाएं वर्ष 2014 में थी, वहीं वर्ष 2019 में भी हैं। छात्र परेशान हैं और शिक्षण व्यवस्था जस की तस बनी हुई हैं। यूजीसी की ओर से लगातार विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए जा रहे हैं। साफ कहा गया है कि यूजीसी की रैंकिंग के आधार पर ही ग्रांट दी जाएगी। विवि के लिए रैंकिंग बढ़ाना इतना आसान नहीं है।

छात्रों को मूलभूत सुविधाएं नहीं
विवि में अच्छा क्लास रूम, ब्लेकबोर्ड, शिक्षक और साफ पानी जरूरी है लेकिन स्थिति यह है कि कई डिपार्टमेंट में कक्षाओं में सफाई भी नदारद है। शिक्षक कक्षाओं से नदारद रहते हैं। छात्र आए दिन समस्याओं को लेकर आवाज उठाते रहते हैं। प्रशासनिक अधिकारी विश्वविद्यालय से नदारद रहते हैं।

बी प्लस से बी पर पहुंचा
वर्ष 2009 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को बी प्लस रैकिंग मिली थी। वर्ष 2015 में जब दोबारा रैंकिंग जारी हुई तो विश्वविद्यालय का दर्जा घटकर बी पर पहुंच गया। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने करोडा़ें रुपए खर्च किए लेकिन शिक्षण गुणवत्ता पर फोकस नहीं किया। अब विवि अपनी रैकिंग सुधारने में जुट गया है। जानकारों का कहना है कि विश्वविद्यालय में अधिकांश सीनियर प्रोफेसर हैं। लेकिन ये छात्रों को पढ़ाने से कतराते हैं। ऐसे में पढ़ाने का दारोमदार गेस्ट टीचरों के भरोसे है। जिससे शिक्षण गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। विश्वविद्यालय मे करीब 45 रेग्युलर टीचर हैं।

विवि प्रशासन तैयार करवा रहा है रिपोर्ट
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से विभागों की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसएआर) तैयार करेगा जिसे नैक को भेजेगा। इसके बाद नैक की टीम विश्वविद्यालय में विजिट करेगी। संभवत: मार्च में यह विजिट होगा।

ये हैं कमियां
– नियमित शिक्षकों की कमी
– गेस्ट फेकेल्टी के भरोसे पढ़ाई
– मूलभूत सुविधाओं का अभाव
– कैम्पस का पूरी तरह वाईफाई न होना
– रिसर्च प्रोजेक्ट की कमी
– एकेडमिक सेशन लेट होना
– बजट का अभाव
– सेल्फ फाइनेंस कोर्स
– कर्मचारियों की आए दिन हड़ताल

विवि की रैकिंग बढ़ाने के लिए हम हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। जो कमियां रह गई थी उन्हें दूर किया जा रहा है। हर विभाग से रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। शिक्षकों की नियमित नियुक्ति के लिए शासन से दिशा निर्देश मांगे हैं।
प्रो. कपिलदेव मिश्र, कुलपति, रादुविवि

Home / Jabalpur / UGC Ranking : ए-ग्रेड के लिए विवि की ‘परीक्षा’, व्यवस्थाएं जस की तस

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो