अक्षय तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्त
१८ अप्रैल को अक्षय तृतीया से ही वैवाहिक मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। इस दिन सात फेरे लेने वाले वर-वधु अक्षय बंधन में बंधेंगे। ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला ने बताया कि अक्षय तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्त है। वहीं तृतीया तिथि सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगी। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के बाद १२ मार्च से शहनाई की धुन थम गई है। १४ अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे तो १८ अप्रैल से लगन शुरू होगी।
गर्मी में अधिकमास
गर्मियों में वैसे एक बार फिर शादियों को बे्रक लगेगा. १८ अपै्रल से शुरु होनेवाली शादियां एक माह बदस्तूर जारी रहेंगी पर१६ मइ से शहनाइयों की गूंज फिर थम जाएगी। लगभग एक माह तक बंद रहने के बाद १३ जून से शादियां शुरु होंगी. १६ मई से १३ जून तक अधिकमास के कारण शादियां नहीं होंगी. वैसे भी इस बार गर्मी में लगन कम हैं।
कम तिथियों में ज्यादा विवाह होने हैं, इस कारण बारात घरों से लेकर बैंडबाजा, बग्घी की बुकिंग पहले अधिकांश हो चुकी है। चार माह में सिर्फ ३२ लगन हैं। १६ जुलाई को अंतिम लगन है। जबकि २१ जुलाई को भडऱी नवमी का अबूझ मुहूर्त है। इस दिन मुहूर्त देखने की आवश्यता नहीं रहती। २३ जुलाई को देव शयनी एकादशी के बाद चार माह तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।