जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने बुधवार को व्यापमं घोटाले के प्रमुख आरोपियों में से एक भोपाल के खनन कारोबारी सुधीर शर्मा को जमानत दे दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ ने शर्मा की तीन अर्जियां स्वीकृत करते हुए उसे तीनों मामलों में जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं। उस पर एक दर्जन से अधिक अपात्र उम्माीदवारों को विभिन्न चयन परीक्षाओं में गड़बड़ी के जरिए भर्ती कराने का आरोप है।
होगा जेल से रिहा
शर्मा के खिलाफ एसटीएफ व बाद में सीबीआई ने कुल चार प्रकरण दर्ज किए थे। इनमेंं से एक मामले में उसे पूर्व में हाईकोर्ट से जमानत का लाभ मिल चुका है। तीन मामलों में और जमानत मिलने से उसकी रिहाई की राह प्रशस्त हो गई है।
यह है मामला
स्कूल शिक्षक से कैरियर की शुरूआत करने वाले शर्मा को एसटीएफ ने जुलाई 2014 में गिरफ्तार किया था। उस पर वनरक्षक, पुलिस आरक्षक, होमगार्ड प्लाटून कमांडर व संविदा शिक्षक वर्ग 3 की परीक्षाओं में व्यापमं अधिकारियों की मिलीभगत से एक दर्जन से अधिक उम्मीदवारों को चयनित कराने का आरोप है। उस पर एसटीएफ व बाद में सीबीआई ने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी से अपने संबंधों का इस्तेमाल कर उसने धांधली की। 10 सितंबर 2014 को भोपाल एडीजे कोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी निरस्त कर दी थी। शर्मा की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आरोपी करीब दो साल के अरसे से जेल में है। इस आधार पर मामले के एक अन्य आरोपी डॉ विनोद भंडारी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत का लाभ मिल गया है। लिहाजा उसे भी जमानत दी जानी चाहिए। कोर्ट ने तर्क स्वीकार करते हुए शर्मा की अर्जियां स्वीकृत कर लीं।