सिमटती धार मांग रही शोध, रेत बची नहीं, गाद से पट गई तलहटी
नदियों के बहाव क्षेत्र में बढ़े अतिक्रमण, छह माह से ज्यादा नहीं रुक रहा पानी
कैचमेंट एरिया में हो रही खेती
जलस्रोत की धार कैचमेंट एरिया से बहकर आने वाले पानी से चौड़ी होती है। लेकिन हिरन, गौर व परियट नदी का कैचमेंट एरिया भू माफिया निगल रहा है। नदियों से तीन सौ मीटर के दायरे में भी निर्माण कार्य प्रतिबंधित होने के बावजूद अवैध निर्माण हो रहे हैं। अब प्रवाह क्षेत्र में भी बाड़ी लग रही है। यहां फसलों की बोवनी और सब्जी की खेती हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रवाह क्षेत्र में खेती के दौरान उपयोग होने वाले उर्वरक व रासायनिक खादों का इस्तेमाल नदी के पारिस्थितिकी तंत्र, कछुआ, मछली सहित अन्य जलीय जंतुओं के जीवन के लिए खतरनाक है।
नदियों में छह माह भी पानी नहीं रहना चिंताजनक है। समय रहते कारणों पर शोध कर जलस्रोतों को पुनर्जीवन देने की पहल हो तो तस्वीर बदल सकती है। इसके लिए रिवर रिसर्च सेंटर स्थापित होना चाहिए।
– डॉ. पीआर देव, वैज्ञानिक