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जगदलपुर

पिता के पास आया बेटे का फोन कहा, पापा हमें यहां बना लिया है बंधुआ मजदूर कुछ करो, फिर जो हुआ…

केशकाल के एक व्यक्ति ने राजस्थान (Rajasthan) के एक फैक्ट्री (Factory) में पिछले 4-5 माह से बंधक (Bonded Labour) रहे 17 लोगों को चाइल्ड हेल्प लाईन (Child Helpline) की मदद से छुड़वाया है।

जगदलपुरJul 25, 2019 / 04:46 pm

Badal Dewangan

bonded labour

पिता के पास आया बेटे का फोन कहा, पापा हमें यहां बना लिया है बंधुआ मजदूर कुछ करो, फिर जो हुआ…

केशकाल. लोग यदि अपने बारे में छोड़ दुसरों के जिंदगी बचाने सात समुंदर पार कर लोगों की जिंदगी बचाये तो उसको फरिश्ता ही मानेंगे। इसी प्रकार का सराहनीय कार्य केशकाल विधानसभा के छोटे गांव ग्राम चनियागांव के अभय कुमार वर्मा ने किया है जिन्हें पता लगा कि कोण्डागांव जिला के 17 लोग राजस्थान के एक फैक्ट्री में पिछले 4 -5 माह से बंधक है उन्हें छुड़वाने उड़ीसा, कोलकाता होते हुए चित्तौडग़ढ़ पहुंच गया और वहां के चाईल्ड लाइन के सहयोग से छुड़वा लिया।

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फरसगांव ब्लॉक के चनियागांव निवासी अभय वर्मा से फोन पर संपर्क करने पर बताया कि गांव के ही नवल राम नाग ने मेरे घर में आ कर बताया कि मेरा बेटा जितेंद्र कुमार नाग अपने दोस्तों के साथ काम करने अन्य राज्य गया हुआ था जो कि लगभग 4 से 5 माह हो गया हैं वापस नही आया है। कुछ दिन पूर्व जितेंद्र का काल आया और बताया कि राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ शहर के एक फैक्ट्री में हमे बंधवा मजदूर बना कर रखे हुए है। हम लोगो को कहीं बाहर जाने नही दिया जा रहा है ना किसी से बात करने दे रहे हैं। कोण्डागांव जिला के अलग अलग गांव से 17 लोग यहां बंधक बना कर रखा गया है। हम लोगो को किसी भी तरह से छुड़वा लो । इसी बात को सुनकर मैं और जितेंद्र के पिता नवलराम के साथ चित्तौडग़ढ़ के लिए 19 जुलाई को निकल गए। 20 जुलाई को भुवनेश्वर होते हुए उड़ीसा, कोलकाता से राजस्थान के कोटा शहर पहुंचे। चित्तौडग़ढ़ शहर पहुंचने उपरांत संभुपुरम फैक्ट्री गए जहाँ पर वे बंधक बनाए थे लेकिन वहा के कर्मचारी हमे फैक्ट्री के अंदर घुसने नही दिया लेकिन हम जबरन अंदर घुसे तो कोण्डागांव जिला के एक दो लोगो को देखा और हम तुरंत बाहर निकल गए। जिसके बाद कोण्डागांव कलक्टर निलकंठ टेकाम को पूरी जानकारी बताया गया।

चाईल्ड लाईन से मिली मदद
चाईल्ड लाईन नम्बर 1098 में कॉल करने उपरांत चित्तौडग़ढ़ के डायरेक्टर भोजराज सिंह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सुनील कुमार ओझा बाल कल्याण अधिकारी धनराज अपने पूरी टीम के साथ फैक्टरी पहुंचे और छत्तीसगढ़ का 17 और उड़ीसा राज्य के 9 बंधुआ मजदूरों को रेस्क्यू कर छुड़ाया गया और शंभूपुरा थाना लाया गया जहां पर पूरी कागजी कार्रवाई कर वापस सभी अपने अपने घर के लिए भेजा गया।

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