कार्ल लैंडस्टेनर वह महान वैज्ञानिक
विश्व रक्तदाता (blood donate) दिवस मानव के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। आपकी यह छोटी काम आपको वैश्विक स्वास्थ्य से जोड़ देती हैं। जहां आपके रक्त से कितनी ही अनमोल जानें बचाई जाती हैं। कार्ल लैंडस्टेनर वह महान वैज्ञानिक थे जिन्हें ए, बी व ओ रक्त समूह तंत्र की खोज के लिए नोबल पुरस्कार (Nobelaward) प्रदान किया गया था। 14 जून को उनका जन्मदिवस होता है। विश्व रक्तदाता (blood donate) दिवस हर साल 14 जून को सेलिब्रेट किया जाता है। रक्त वह महत्वपूर्ण घटक है जिसके बिना कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता। इसके बावजूद अब तक प्रयोगशाला में रक्त को तैयार करने का कोई भी फार्मूला विकसित नहीं किया जा सका है। रक्त की कमी से जूझ रहे लोगों और तत्काल रक्त की आवश्यकता वाले लोगों का जीवन बचाने के लिए जरूरी है कि हम सभी स्वेच्छा से रक्तदान (blood donate) करें।
इस दिन लिया गया संकल्प
वर्ष 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ (Red Cross Socity) के द्वारा 14 जून को हर साल विश्व रक्तदाता (blood donate) दिवस मनाने का संकल्प लिया गया। इसका उद्देश्य पर्याप्त रक्त आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षित और बिना भुगतान वाले रक्त दाता, स्वेच्छा से रक्तदान देने वाले को बढ़ावा देने, अपने बहुमूल्य कदम के लिये रक्तदान करने वाले को धन्यवाद कहने के लिये दुनिया भर में जागरुकता फैलाना है। 58वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में 2005 में मई महीने में इसके 192 सदस्य राज्यों के साथ डबल्यूएचओ के द्वारा विश्व रक्त दाता दिवस की आधिकारिक रुप से स्थापना की गई थी।
जरूरी है रक्तदान
रक्तदान किसी के लिए जीवनदान हो सकता है। इसलिए रक्तदान बहुत जरूरी माना गया है। दान दिये गये रक्त का इस्तेमाल गंभीर रुप से रक्त की कमी से जूझ रही महिलाए बच्चेए दुर्घटना के दौरान अत्यधिक खून बह जाने के बाद पीड़ीत कोए सर्जिकल मरीज कोए कैंसर पीड़ीत कोए थैलेसीमिया मरीज कोए हिमोफिलीया से पीडि़त लोगए लाल रक्त कोशिका की कमीए खून की गड़बड़ीए खून के थक्कों की गड़बड़ी से जूझ रहे लोगों को दिया जाता है।
विश्व रक्तदाता अभियान की आवश्यकता
2020 तक पूरी दुनिया के स्वैच्छिक और बिना भुगतान वाले रक्त दाता से पर्याप्त रक्त आपूर्ति को प्राप्त करने का लक्ष्य विश्व स्वास्थ्य संगठन का है। आंकड़ों के अनुसार, ये ध्यान देने योग्य है कि स्वैच्छिक और बिना भुगतान वाले रक्त दाताओं से पर्याप्त रक्त आपूर्ति केवल 62 देश ही प्राप्त कर रहें हैं। जबकि 40 देश अभी भी मरीज के पारिवारिक सदस्य या पैसे से दान देने वालों पर खून देने के लिये निर्भर है। पूरे विश्व के बचे हुए देशों में स्वैच्छिक रक्त दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये इसे मनाया जाता है।